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Exit Poll: दक्षिण में बीजेपी 'फ्लावर नहीं, फायर है', जानिए तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल में NDA की बढ़त के मायने?
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इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में एनडीए को 361-401 सीटें और इंडिया ब्लॉक को 131-166 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. अन्य को 8 से 20 सीटें मिल सकती हैं. राज्यों की बात करें तो इस बार आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. केरल में भी बीजेपी का खाता खुलने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह जब कन्याकुमारी में उगते सूर्य की पूजा की तो इसे चुटीले अंदाज में कहा गया कि उगता सूरज दरअसल डीएमके का चुनाव चिह्न है. हालांकि इस व्यंग्य ने कुछ लोगों को हंसाया होगा. लेकिन इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के आंकड़े बताते हैं कि दक्षिण भारत में बीजेपी के लिए सूरज वास्तव में चमक रहा है. इसका बढ़ता ग्राफ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह एक ऐसा इलाका रहा है, जिसे अभी तक बीजेपी के लिए जीतना संभव नहीं हुआ है.
एग्जिट पोल के आंकड़े अगर 4 जून को सटीक नतीजे में बदलते हैं तो इसका मतलब यह होगा कि दक्षिण भारत भी अब भाजपा के लिए निषिद्ध क्षेत्र नहीं है, जिसका लंबे समय से हिंदी-हिंदू-हिंदुत्व पार्टी के रूप में उपहास उड़ाया जाता रहा है. अब तक बीजेपी सिर्फ कर्नाटक में ही शासन करने में कामयाब रही है और इसे दक्षिण के प्रवेश द्वार के रूप में माना जाता है. आंकड़े बताते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव नतीजों में पार्टी दो अतिरिक्त रास्ते बना सकती है. एक तेलंगाना से होकर गुजरना और दूसरा पड़ोसी आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम की साइकिल पर पीछे की सवारी करना. इसके अलावा, नतीजे तमिलनाडु और केरल भी आश्चर्यचकित कर सकते हैं.
अगर 'वनक्कम बीजेपी' मोमेंट करीब है तो इसका कारण क्या है?
आंकड़े बीजेपी के लिए कर्नाटक में 2019 जैसी जीत की भविष्यवाणी करते हैं. अगर ऐसा हुआ तो यह 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार का मीठा बदला होगा. इससे यह भी साबित होगा कि कन्नड वोटर्स राज्य और देश के चुनाव के बीच अंतर समझता है. बीजेपी को 55 प्रतिशत वोट शेयर संकेत मिले हैं.
अगर कांग्रेस वास्तव में कर्नाटक में तीन-तीन सीटों तक ही सीमित रहती है तो उसका निराश होना भी लाजिमी होगा. कांग्रेस ने महिला-केंद्रित योजनाओं खासकर 2000 रुपये प्रति माह की आर्थिक मदद और मुफ्त बस यात्रा के सहारे चुनाव अभियान को मजबूती देने की पूरी कोशिश की थी. यदि मतदाताओं ने एनडीए के समर्थन में जबरदस्त वोटिंग की है तो यह साबित करेगा कि वोटर्स हर महीने जेब में पैसे या बस में मुफ्त यात्रा से कहीं ज्यादा लाभ मिलने की उम्मीद रखते हैं. यह साबित करेगा कि 'खटाखट-खटाखट' शासन के जिस ब्रांड का वादा किया गया था, उसे मीम क्रिएटर्स के अलावा खरीदार नहीं मिले हैं. यह भी दिखाएगा कि विपक्ष के जातिगत सर्वे के तमाम वादों के बीच बीजेपी ने लिंगायत वोट और जेडीएस ने वोक्कालिगा वोटों को अपने पक्ष में लाकर चुनावी माहौल बदल दिया है. एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक से हैं. इस तरह का प्रदर्शन उनके कार्यकाल में भी खराब दाग लगाएगा.
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जम्मू कश्मीर के पुलवामा के वखेरवान की रहने वाली राबिया यासीन ट्रक चलाती हैं. राबिया कश्मीर की पहली ट्रक ड्राइवर हैं. जम्मू-कश्मीर में भी अब महिलाएं हर क्षेत्र में पहचान बना रही हैं. राबिया का कहना है कि उनके पति और परिवार ने इस काम के लिए उनका पूरा समर्थन किया, तभी वे ट्रक ड्राइवर बन पाई हैं. देखें.
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आरएसएस से 32 साल तक जुड़ी रहीं गुप्ता ने 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. 1995-96 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की सचिव और 1996-97 में इसकी अध्यक्ष रहीं. 2002 में वह भाजपा में शामिल हुईं और पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय सचिव रहीं.
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महाराष्ट्र के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने एक जोरदार बयान दिया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि उन्हें हल्के में न लिया जाए. शिंदे ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति उन्हें हल्के में लेगा, तो वे उसकी टांग पलट देंगे. हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि उनका और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कोई मतभेद नहीं है.
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रेखा गुप्ता ने बुधवार शाम दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना से मुलाकात की और राष्ट्रीय राजधानी में सरकार बनाने का दावा पेश किया. उनके साथ राज्य भाजपा पर्यवेक्षक रविशंकर प्रसाद और ओपी धनखड़, शहर भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और दिल्ली के सांसद बांसुरी स्वराज, प्रवीण खंडेलवाल और कमलजीत सहरावत भी थे. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा भी राज निवास में मौजूद थे.
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रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी अब महिला मुख्यमंत्रियों की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है. दिल्ली ने कई महिला मुख्यमंत्री देखी हैं, जिनमें कांग्रेस की शीला दीक्षित का 15 साल का शासन भी शामिल है. साथ ही बीजेपी उन महिला वोटर्स पर भी फोकस कर रही है जिन्होंने चुनाव में पार्टी के पक्ष में जमकर मतदान किया है.
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रेखा गुप्ता का नाम दिल्ली की CM के रूप में चुना गया है, जो दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री और BJP की दूसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस उपलब्धि पर बधाई दी है. बीजेपी ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का संदेश दिया है. रेखा गुप्ता कल दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी.
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महाकुंभ में अब तक 53 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं और मुख्यमंत्री का अगला लक्ष्य 60 करोड़ का है. इतने बड़े आयोजन में व्यवस्था और सुरक्षा का ध्यान रखना एक बड़ी चुनौती है. सोचिए, इतनी विशाल संख्या में लोग कैसे इस आयोजन में शामिल होते हैं और इस प्रक्रिया के दौरान व्यवस्थाओं का कितना महत्व होता है.