Exclusive: गीता गोपीनाथ ने कहा- 2027 तक भारत बन जाएगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
AajTak
Gita Gopinath Exclusive: IMF की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) का कहना है कि भारत साल 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
भारत सरकार ने 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का नारा दिया है. इस कड़ी में सबसे पहले सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाए. अब सरकार के इस लक्ष्य को IMF से ने भी संभव बताया है. वहीं वित्त वर्ष 2024-25 के लिए IMF ने जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है. दरअसल, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) का कहना है कि भारत साल 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. गीता गोपीनाथ की मानें तो इंडिया की ग्रोथ रेट में और बेहतरी की उम्मीद है. मालूम हो कि मौजूदा समय में भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
गीता गोपीनाथ भारतीय इकोनॉमी को लेकर बुलिश
इंडिया टुडे से खास बातचीत में गीता गोपीनाथ ने कहा, 'पिछले वित्त वर्ष में हमने जैसी उम्मीद जताई थी. भारत की अर्थव्यवस्था उससे बेहतर कर रही है. यही बातें हमारे अनुमान को प्रभावित कर रही हैं. अन्य फैक्टर की बात करें तो खपत भी बेहतर हुई है. ये सभी बातें इंडियन इकोनॉमी के लिए अच्छी है, और इससे बेहतर ग्रोथ का अनुमान लगाया जा रहा है.'
गीता गोपीनाथ ने ग्रोथ रेट में अपग्रेड के पीछे कई तर्क दिए हैं. उन्होंने कहा कि टू-व्हीलर्स सेल्स और FMCG सेक्टर फिर से वापसी करते हुए दिखाई दे रहे हैं. साथ ही इस साल मानसून भी अच्छा करता दिख रहा है. जिससे एग्रीकल्चर इनकम में बढ़ोतरी की संभावना है.
इकोनॉमी में तेजी के पीछे ये तर्क
बता दें, भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर गीता गोपीनाथ ने जो अनुमान दिया है, वो पिछले महीने बजट में भारत सरकार द्वारा आर्थिक सर्वे में पेश किए गए अनुमान से भी ज्यादा है. भारत सरकार ने 6.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है. जबकि अब IMF ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है. गीता गोपीनाथ ने इस अनुमान के आधार पर बताया कि 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा.
स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी से मध्यम वर्ग परेशान है. सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के कारण लोग निजी अस्पतालों का रुख करते हैं. महंगे इलाज से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, लेकिन प्रीमियम पर भारी टैक्स लगता है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में राहत की उम्मीद थी, पर कोई फैसला नहीं हुआ. देखें...