Eknath Shinde: कैसे 'ठाणे के ठाकरे' का शागिर्द उद्धव पर पड़ा भारी, शिवसेना आलाकमान की आंखों में हमेशा खटका
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Maharashtra Crisis, Eknath Shinde: ये कहानी शुरू होती है ठाणे के ठाकरे से. वो शख़्स जिसने मुंबई के बाहर बसे ठाणे शहर को अपनी जागीर बना ली थी, सिर्फ डंडे के बल पर नहीं, बल्कि अपनी लोकप्रियता की ताकत से. एक ऐसा शिवसैनिक जो झगड़े कराने नहीं, बल्कि झगड़े सुलझाने के लिए जाना जाता था, जिसकी अपनी समानांतर सरकार चलती थी, समानांतर अदालत चलती थी और जिसका दिया वचन ही उनका शासन होता था.
नई दिल्लीः Maharashtra Crisis, Eknath Shinde: ये कहानी शुरू होती है ठाणे के ठाकरे से. वो शख़्स जिसने मुंबई के बाहर बसे ठाणे शहर को अपनी जागीर बना ली थी, सिर्फ डंडे के बल पर नहीं, बल्कि अपनी लोकप्रियता की ताकत से. एक ऐसा शिवसैनिक जो झगड़े कराने नहीं, बल्कि झगड़े सुलझाने के लिए जाना जाता था, जिसकी अपनी समानांतर सरकार चलती थी, समानांतर अदालत चलती थी और जिसका दिया वचन ही उनका शासन होता था.
आनंद दीघे के शागिर्द हैं एकनाथ शिंदे ठाणे में आनंद दीघे को गरीबों और लाचारों की मदद के लिए जाना जाता है, आज भी लोग शिव सैनिक आनंद दीघे को धर्मवीर के नाम से पुकारते हैं. धर्मवीर आनंद दीघे का वचन अगर ठाणे के लिए आदेश था तो शिवसैनिक आनंद दीघे के लिए अपने गुरू का आदेश ही अंतिम आदेश था.