Diwali 2022: दिल्ली में पटाखे जलाए तो जेल और जुर्माना, इन राज्यों में आतिशबाजी की छूट! जानें नियम
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Fire Crackers Rules: दिवाली पर इस साल फिर कुछ राज्यों ने पटाखे फोड़ने की मंजूरी दी है तो कुछ जगहों पर पाबंदी भी है. देश की राजधानी दिल्ली में तो जुर्माने से लेकर जेल सजा तक का प्रावधान है. कुछ राज्यों में ग्रीन क्रैकर्स को हरी झंडी दिखाई गई है. आइए जानते हैं पटाखे जलाने पर विभिन्न राज्यों के नियम.
देश भर में दिवाली का जश्न है. दिल्ली-एनसीआर में इस साल फिर पटाखों पर प्रतिबंध है. बिक्री से लेकर खरीदने तक, हर तरफ पाबंदी हैं. वहीं, कुछ राज्य ऐसे हैं जहां पर ग्रीन क्रैकर्स को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां पटाखे जलाने पर जेल और जुर्माने तक का प्रावधान है.
दिल्ली में पटाखों पर बैन और सजा
पटाखों को लेकर राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा सख्ती देखने को मिल रही है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यहां पर पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है. दिल्ली में सारे तरह के पटाखों की बिक्री, भंडारण और मैनुफैक्चरिंग पर पूरी तरह रोक है. पटाखे जलाने पर 6 महीने की कैद और 200 रुपये के जुर्माने की सजा होगी. जबकि बनाने, बेचने और स्टोर करने पर 3 साल की जेल और 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि सितंबर में सरकार ने एक बार फिर पटाखों पर पूर्ण बैन लगा दिया था. बेंचने से लेकर फोड़ने तक, हर चीज पर प्रतिबंध लगाया गया. ये आदेश अगले साल जनवरी 1 तक जारी रहने वाला है.
पंजाब में पटाखे फोड़ पाएंगे?
दिल्ली में पटाखे जलाने पर सजा एवं जुर्माना है तो कई बाकी राज्यों में कुछ पाबंदियां हैं लेकिन किसी भी प्रकार की सजा का प्रावधान नहीं है. बात पंजाब की करें तो वहां भी इस समय आम आदमी पार्टी की सरकार है. वहां पर दिवाली के दिन रात में 8 बजे से लेकर 10 बजे तक सिर्फ दो घंटे ही पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी. सिर्फ ग्रीन पटाखे ही फोड़ सकेंगे. पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह ने बताया है कि ग्रीन पटाखों के अलावा बाकी सभी दूसरे तरह के पटाखों की बिक्री और भंडारण पर रोक रहेगी.
हरियाणा के क्या नियम?
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.