Divorce Temple: 600 साल से अधिक पुराना है ये तलाक मंदिर, जानें क्यों है खास
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600 साल से अधिक पुराना ये मंदिर शादी में नाखुश और प्रताड़ित महिलाओं का घर है. इसे शुरुआत में जरूरतमंद महिलाओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन और सहायता के लिए एक कॉन्वेंट की तरह तैयार किया गया था.
आपने मनोकामना पूर्ति मंदिरों के बारे में सुना होगा जहां लोग आकर कोई प्रार्थना करते हैं और माना जाता है कि वह जरूर पूरी होगी. ऐसी जगहों पर प्रेमी जोड़े और पति पत्नी सात जन्म का साथ मांगने भी आते हैं लेकिन क्या आपने तलाक मंदिर के बारे में सुना है? 600 साल से अधिक पुराना, मात्सुगाओका टोकीजी मंदिर जापान में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप में बहुत मायने रखता है। यह सशक्तिकरण और नवीनीकरण के अपने खास मेसेज के लिए जाना जाता है. लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि इसे डायवोर्स टेम्पल यानी तलाक मंदिर के रूप में अधिक जाना जाता है.
डायवोर्स टेम्पल क्यों?
दरअसल, 1285 में एक बौद्ध नन, काकुसान शिदो-नी द्वारा स्थापित, यह मंदिर एक बौद्ध मंदिर है। शुरुआत में इसे जरूरतमंद महिलाओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन और सहायता के लिए एक कॉन्वेंट की तरह तैयार किया गया था. उस समय महिलाओं की स्थिति खराब थी और उनके पास मूल अधिकार ही नहीं थे. इसके अलावा उनके ऊपर कई सामाजिक प्रतिबंध भी लगाए जाते थे. ऐसे में जो महिलाएं अपनी शादी में नहीं खुश थीं या घरेलु हिंसा का शिकार होती थीं, वो इस मंदिर में आकर रहा करती थीं.
'शादी से आजादी'
उस समय कई समुदायों में शादी टूटना और तलाक बड़ी बात थी खासकर महिलाओं के लिए. बाद में, टोकीजी ने शादी में प्रताड़ित हुई और अपने पति से अलग होकर यहां रह रही ऐसी महिलाओं को आधिकारिक तलाक प्रमाण पत्र प्रदान करना शुरू कर दिया, जिन्हें सूफुकु-जी के नाम से जाना जाता है. इस प्रमाणपत्र ने उनके विवाह से कानूनी स्वतंत्रता प्रदान की.
कलाकृतियों से समझ आएगा मंदिर का महत्व
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