Dengue And Scrub Typhus Cases: डेंगू और स्क्रब टाइफस में क्या अंतर है?
The Quint
Dengue And Scrub Typhus Cases: All you need to know about dengue and scrub typhus. Scrub Typhus symptoms and treatment. Dengue symptoms in hindi. देश के कई राज्यों में बुखार का प्रकोप देखा जा रहा है. इसकी वजह डेंगू और स्क्रब टाइफस बताई जा रही है.
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में बुखार के प्रकोप की वजह और बच्चों की मौत की जांच करने गई केंद्रीय टीम के मुताबिक यहां ज्यादातर मामले डेंगू के और कुछ मामले स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के हैं.केंद्रीय टीम के आब्जर्वेशन के आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को लिखे लेटर में बुखार के सभी रोगियों के लिए डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस की जांच की सिफारिश की है.कोरोना महामारी के बीच देश के कई इलाकों में बुखार का प्रकोप देखा जा रहा है. वायरल और बैक्टीरियल बीमारियां बढ़ रही हैं, जिसमें सबसे ज्यादा डेंगू के मामले हैं, तो कई जगहों पर स्क्रब टाइफस के मामले सामने आए हैं.30 अगस्त को यूपी के मथुरा में स्क्रब टाइफस के कम से कम 29 मामलों की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद दूसरे जिलों में इसके फैलने के संबंध में अलर्ट जारी किया गया.वहीं 6 सितंबर को मध्य प्रदेश में स्क्रब टाइफस से एक बच्चे की मौत की खबर आई थी.डेंगू और स्क्रब टाइफस में क्या अंतर है? यहां समझते हैं.डेंगू और स्क्रब टाइफस क्या है और कैसे होता है?डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो कि मच्छर के काटने से होता है. डेंगू बुखार चार तरह के डेंगू वायरस में से किसी से भी हो सकता है.वहीं स्क्रब टाइफस बैक्टीरिया से होता है, जो कि माइट (चिगर्स) के काटने से फैलता है, जिसमें tsutsugamushi नाम का बैक्टीरिया (जीवाणु) होता है. स्क्रब टाइफस पहाड़ी क्षेत्रों, खेतों या उन लोगों में देखा जाता है, जो जंगल जाते हैं, जहां माइट के काटने का रिस्क होता है. ये चूहे, छछूंदर और गिलहरी वगैरह से होते हुए भी इंसान तक पहुंच सकते हैं.ADVERTISEMENTस्क्रब टाइफस और डेंगू के लक्षणमैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर डायरेक्टर और मेडिकल एडवाइजर डॉ. आशुतोष शुक्ला बताते हैं कि आमतौर पर स्क्रब टाइफस के कारण बहुत तेज बुखार के साथ त्वचा पर चकत्ते और मांसपेशियों में दर्द होता है. साथ ही कुछ मामलों में लिम्फ नोड का आकार बढ़ना और सिर दर्द भी देखा जाता है.मध्य प्रदेश के जबलपुर की डॉ. रितु गुप्ता बताती हैं कि बीमारी बढ़ने पर जिस जगह पर लार्वा माइट्स काटता है, वहां गहरे लाल रंग का चकत्ता बन जाता है और उस पर पपड़ी जम जाती है.चिगर्स के काटने की जगह पर निशान(फोटो: cdc.gov)इसलिए जब...More Related News