Delhi Pollution: दिसंबर में प्रदूषण से राहत! दिल्ली में 5 सालों में सबसे साफ हवा, AQI हुआ कम
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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक, दिसंबर के पहले 10 दिनों की अवधि में दिल्ली ने पिछले 5 सालों की इसी अवधि की तुलना में 2023 में अपना सबसे कम दैनिक औसत AQI दर्ज किया है. वहीं, इस अवधि में दिल्ली में एक भी दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में नहीं पहुंचा है.
सर्दियों की शुरुआत दिल्ली के लिए प्रदूषण की एक बड़ी समस्या लेकर आती है. यहां ठंड के साथ ही स्मॉग भी पैर पसारने लगता है. लेकिन इस बार दिसंबर के महीने में दिल्लीवालों को कुछ राहत मिली है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक, दिसंबर में दिल्ली ने पिछले 5 सालों की तुलना में 2023 में सबसे कम दैनिक औसत AQI दर्ज किया है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक, दिसंबर के पहले 10 दिनों की अवधि में दिल्ली ने पिछले 5 सालों की इसी अवधि की तुलना में 2023 में अपना सबसे कम दैनिक औसत AQI दर्ज किया है. वहीं, इस अवधि में दिल्ली में एक भी दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में नहीं पहुंचा है.
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बता दें कि एक के बाद एक लगातार आ रहे वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और अन्य मौसमी गतिविधियों के चलते हवा की रफ्तार में तेजी देखी गई है और यही वजह है कि दिल्लीवालों को प्रदूषण से कुछ राहत मिली है. दिल्ली में इन दिनों हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की जा रही है.
आज यानी 11 दिसंबर की बात करें तो शाम को करीब 5 बजे दिल्ली का एक्यूआई 318 दर्ज किया जा रहा है. वहीं, कल यानी 12 दिसंबर को दिल्ली का औसत एक्यूआई 329 दर्ज किया जा सकता है. इसके अलावा नोएडा में भी इस समय एक्यूआई 319 मापा जा रहा है और कल ये बढ़कर 329 पहुंच सकता है.
महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.