
Delhi Air Pollution: प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- "स्थिति बिगड़ने पर कदम न उठाएं, साल भर के मौसम की समीक्षा कर स्थाई प्लान बनाएं"
ABP News
Air Pollution: बेंच के सदस्य जस्टिस सूर्यकांत ने सुझाव दिया, 'अगर गोवर्धन मॉडल अपना कर फसल अवशेष उन राज्यों में भेजा जाए जहां पशुओं के लिए चारे की कमी है तो हल निकल सकता है.'
SC on Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली के प्रदूषण स्तर में गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसका श्रेय सरकार के प्रयासों को कम, मौसम में बदलाव को ज्यादा जाता है. कोर्ट ने कहा कि अलग-अलग मौसम में प्रदूषण के स्तर पर वैज्ञानिक अध्ययन किया जाना चाहिए. उसी के आधार पर योजना बनाई जानी चाहिए. कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद नियंत्रण के उपाय अपनाना शुरू करती है. उसे इस तरह की व्यवस्था बनानी चाहिए, जिसमें मौसम विभाग से हवा के बहाव में बदलाव का अनुमान मिलते ही कदम उठाने शुरू कर दिए जाएं.
आज चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच में सुनवाई शुरू होते ही केंद्र सरकार की लिए पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "16 नवंबर को AQI स्तर 403 था. अब यह 290 है." इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, "यह तो हवा बहने के चलते हुआ है. हम जानना चाहते हैं कि आपने क्या किया है?" इस पर सॉलिसीटर जनरल ने केंद्र और राज्यों की तरफ से उठाए गए उपाय गिनाने शुरू कर दिए.