Delhi में बदल गए हैं ट्रैफिक रूल्स, जानिए कब लग सकता है दस हजार का जुर्माना
AajTak
Delhi New Traffic Rules: दिल्ली में विदेशों की तर्ज पर नए ट्रैफिक रूल जारी हुए हैं. जिनके मुताबिक, बसें लेफ्ट लेन में ही चलेंगी. कॉमर्शियल वाहनों को बस लेन में ही चलना होगा. ये ट्रैफिक रूल्स 15 दिन के ट्रायल पर जारी हुए हैं.
Delhi News: दिल्ली में जाम लगने की वजह कई बार गाड़ियों का सही लेन में नहीं चलना भी है. एक दूसरे को ओवरटेक करने की वजह से रोजाना हादसे होते हैं और ना जानें कितनों की जान चली जाती है. ऐसे में शुक्रवार से जारी हुए नए ट्रैफिक रूल्स इन समस्याओं पर लगाम लगाएंगे. ट्रैफिक के ये नए नियम दिल्ली में एक नई ट्रैफिक प्रणाली की नींव रखेंगे. अभी ये ट्रैफिक रूल्स दिल्ली में 15 दिन के ट्रायल पर जारी हुए हैं. सफल होने पर इनको पूर्ण तय लागू कर दिया जाएगा.
दिल्ली में जारी हुए नए ट्रैफिक रूल्स विदेशों की तर्ज पर हैं. जिनके मुताबिक बस लेफ्ट लेन में ही चलेगी. हैवी व्हीकल बस लेन का हिस्सा होंगे. कॉमर्शियल वाहन भी बस लेन में ही चलेंगे. नो ओवरटेकिंग जॉन, नो स्टॉपिंग जॉन बनाया जाएगा. राइट लेने की स्थिति में बस को 10 सेकंड पहले का समय दिया जाएगा जिससे लेफ्ट में वाहनों से हादसा ना हो. गलत तरीके से सड़क लेन बदलने पर कार या बस चालक पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है.
फिलहाल, ट्रैफिक के इस सिस्टम को 15 दिन के लिए लागू किया गया है. नए रूल्स के तहत बस ओवरटेक नहीं कर पाएगी यानी सामान्य गति से बस को चलना होगा. 2 पहिया वाहनों को भी ओवर टेक लाइन या मिडिल लाइन में ही रहने का नियम है. असल में करीब 70 फीसदी से ज्यादा सड़क दुर्घटना के पीछे कारण लेन चेंज होता है.
हालांकि, दिल्ली में लेन सिस्टम पहले से है पर उसको फॉलो कोई नहीं करता है. पर ट्रैफिक के नियम काफी सख्त भी हैं और उस पर जुर्माना भी है.
स्कूल को ट्रैफिक प्लानिंग के डीन सेवा राम कहना है कि ट्रैफिक रूल्स बनाने में आसान हैं. उसको फॉलो कराने में मेहनत ज्यादा है. पर आम जनता को इससे जोड़ना होगा. ये पहले के नियम से काफी हद तक अलग हैं. दिल्ली में सबसे ज्यादा हादसे लेन चेंज पर ही होते हैं. ऐसे में इन नए रूल्स से बहुत कुछ बदलाव होगा.
वहीं, डीटीसी और क्लस्टर बसें स्टॉप पर बनाए गए बॉक्स के अंदर ही रुकेंगी. वहीं, नियमों का पालन किया जाए इसके लिए परिवहन विभाग की इंफोर्समेंट टीम, डीटीसी, क्लस्टर और ट्रैफिक पुलिस की 50 टीमें लेन ड्राइविंग सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर रहेंगी.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.