#DecodingPain: जब चिंता, तनाव, डिप्रेशन और मानसिक आघात दर्द देते हैं
The Quint
Decoding Chronic Pain: Can anxiety, depression and trauma cause chronic pain? क्या चिंता, अवसाद और मानसिक आघात शरीर में दर्द का कारण हो सकते हैं?
(यह लेख फिट की #DecodingPain सीरीज का हिस्सा है. इस सीरीज में हम दर्द की हर परत– अहसास, वजह, इससे जुड़े कलंक, दवा और ट्रीटमेंट के बारे में गहराई से जानेंगे.)साल 2018 के अप्रैल में एक दिन शिरीन को सिरदर्द हुआ... और यह तब से फिर कभी बंद नहीं हुआ.वह बताती हैं, “कई बार यह बहुत तेज हो जाता है, लेकिन पिछले 3 सालों में ऐसा कोई लम्हा नहीं आया जब यह मौजूद नहीं था.”कई डॉक्टरों और स्पेशललिस्ट से मिलने का भी कोई फायदा नहीं हुआ.एमआरआई? कुछ नहीं निकला. सीटी स्कैन? कुछ नहीं निकला. एक्स-रे? कुछ नहीं निकला.तब उन्होंने साइकोलॉजिकल ट्रिगर्स की संभावनाओं को खंगाला.पुरानी घटनाओं को याद करते हुए शिरीन कहती हैं, “ऐसी कोई घटना नहीं है जिससे मैं इसे जोड़ सकूं, लेकिन निश्चित रूप से मेरी जिंदगी में ऐसा वक्त था, जब मैं बहुत ज्यादा भावनात्मक तूफानों से गुजर रही थी.”“असल में जुलाई, अगस्त 2017 के बाद से मेरी जिंदगी में जरा निराशा का दौर था. मैं उस समय काम नहीं कर रही थी, इसलिए बेकाम का होने, कुछ हासिल करने में नाकाम रहने और लगातार नाकामयाबी के अहसास ने घेर रखा था.”शिरीनलगभग उसी समय उनकी दादी भी गुजर गईं, जिनके वह बहुत करीब थीं.वह बताती हैं, और तभी से सिरदर्द शुरू हुआ, जब वह शारीरिक या भावनात्मक रूप से थकी होती हैं तो यह बहुत तेज हो जाता है.यही वह कड़ी है जिसे उनके इलाज में मनोचिकित्सक बाकी दूसरे साइकोलॉजिकल ट्रीटमेंट के साथ दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे हैं.ADVERTISEMENTबीती कुछ सदियों में आधुनिक चिकित्सा पद्धति के विकास के साथ मन और शरीर के बीच की कड़ियों के बारे में हमारी समझ काफी बढ़ी है.पहले के एक लेख में, FIT ने मन और आंत के बीच संबंध को समझाया था और बताया था कि एक की सेहत दूसरे पर किस तरह असर डालती है.इसी तरह, दर्द को मानसिक तनाव (mental stress) से जोड़ने का विचार कोई नया नहीं है.दर्द और दिमाग का संक्षिप्त इतिहासआइए प्राचीन ग्रीस से शुरुआत करते हैं. मशहूर दार्शनिक प्लेटो ने दर्द और आनंद को भावनाओं का रूप बताया था.जिस तरह दुनिया के साथ हमारा संपर्क सुख देता है, उसी तरह यह दुख का कारण भी बन सकता है.प्लेटो जैसे प्राचीन दार्शनिकों ने शारीरिक और भावनात्मक में फर्क नहीं किया, और दर्द को लेकर बहुत सी थ्योरी ने दर्द को उत्तेजना की भावनात्मक प्रतिक्रिया बताया है.ADVERTISEMENTअब हम जानते है...More Related News