
CrPC Section 58: बिना वारंट गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की रिपोर्ट करना बताती है CrPC की धारा 58
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सीआरपीसी (CrPC) की धारा 58 (Section 58) में पुलिस का गिरफ्तारियों की रिपोर्ट करना बताया गया है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 58 में क्या प्रावधान है?
Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता के अध्याय (Chapter) और धाराएं (Sections) न्यायलय (Court) और पुलिस (Police) के काम करने की प्रक्रिया (Process) के बारे में बताती हैं. इसी प्रकार से सीआरपीसी (CrPC) की धारा 58 (Section 58) में पुलिस का गिरफ्तारियों की रिपोर्ट करना बताया गया है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 58 में क्या प्रावधान है?
सीआरपीसी की धारा 58 (CrPC Section 58) दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 58 (Section 58) में पुलिस का गिरफ्तारियों की रिपोर्ट करना परिभाषित किया गया है. CrPC की धारा 58 के मुताबिक पुलिस थानों (police stations) के भारसाधक अधिकारी (Officers in charge) जिला मजिस्ट्रेट (DM) को, या उसके ऐसा निर्देश देने पर, उपखंड मजिस्ट्रेट (Sub- divisional Magistrate) को, अपने-अपने थानों की सीमाओं के अंदर वारंट के बिना गिरफ्तार किए गए सभी व्यक्तियों (persons arrested without warrant) के मामलों की रिपोर्ट (Report) करेंगे, चाहे उन व्यक्तियों की जमानत (Bail) ले ली गई हो या नहीं.
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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC) सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.
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