CrPC Section 133: उपद्रव हटाने के सशर्त आदेश का प्रावधान करती है धारा 133
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सीआरपीसी की धारा 133 (Section 133) के अधीन कोई न्यूसेन्स हटाने के लिए सशर्त आदेश का प्रावधान (Provision) किया गया है. चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 133 इस बारे में क्या बताती है?
Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धाराओं में इस तरह के प्रावधान (Provision) मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल न्यायलय (Court) और पुलिस (Police) अपनी कार्य प्रणाली के दौरान करती है. इसी प्रकार सीआरपीसी की धारा 133 (Section 133) के अधीन कोई न्यूसेन्स (उपद्रव) हटाने के लिए सशर्त आदेश का प्रावधान (Provision) किया गया है. चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 133 इस बारे में क्या बताती है?
सीआरपीसी की धारा 133 (CrPC Section 133)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1973) की धारा 133 (Section 133) में कोई उपद्रव दूर करने का सशर्त आदेश परिभाषित किया गया है. CrPC की धारा 133 के मुताबिक -
(1) जब किसी जिला मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट का या राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त विशेषतया सशक्त किसी अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट का किसी पुलिस अधिकारी से रिपोर्ट या अन्य इत्तिला प्राप्त होने पर और ऐसा साक्ष्य (यदि कोई हो) लेने पर, जैसा वह ठीक समझे, यह विचार है कि
(क) किसी लोक स्थान या किसी मार्ग, नदी या जलसरणी से, जो जनता द्वारा विधिपूर्वक उपयोग में लाई जाती है या लाई जा सकती है, कोई विधिविरुद्ध बाधा या न्यूसेन्स हटाया जाना चाहिए; अथवा (ख) किसी व्यापार या उपजीविका को चलाना या किसी माल या पण्य वस्तु को रखना समाज के स्वास्थ्य या शारीरिक सुख के लिए हानिकर है और परिणामतः ऐसा व्यापार या उपजीविका प्रतिषिद्ध या विनियमित की जानी चाहिए या ऐसा माल या पण्य वस्तु हटा दी जानी चाहिए या उसको रखना विनियमित किया जाना चाहिए; अथवा
(ग) किसी भवन का निर्माण या किसी पदार्थ का व्ययन, जिससे सम्भाव्य है कि अग्निकांड या विस्फोट हो जाए, रोक दिया या बंद कर दिया जाना चाहिए; अथवा
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गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.