COVID संकट नहीं सुर्खियां मैनेज कर रही सरकार-प्रभाकर
The Quint
covid crisis: निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर ने नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है. कहा सरकार मदद करने की जगह हेडलाइन मैनेज कर रही है nirmala sitharaman husband parakala prabhakar says modi government managing headline not covid crisis
देश में कोरोना वायरस के आंकड़ों में एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ उछाल देखने को मिला है. पिछले 24 घंटों में 3.52 लाख नए कोविड केस सामने आए हैं. देश में ऑक्सीजन और अस्पताल बेड्स की कमी है. मौतों की तादाद बढ़ती जा रही है. केंद्र सरकार के रवैये पर लोग और विपक्ष सवाल उठा रहे हैं. लेकिन अब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर ने नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है. प्रभाकर ने कहा कि 'सरकार मदद करने की जगह हेडलाइन मैनेज कर रही है.'अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने कहा कि जो आंकड़े नए केस और मौतों के सामने आ रहे हैं, वो भी कम करके बताए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "अस्पतालों के इंचार्ज डॉक्टर हमें बताते हैं कि स्थिति इससे भी ज्यादा खराब है."“राजनीतिक और धार्मिक नेताओं के लिए लोगों का दुख-दर्द ज्यादा मायने नहीं रखता है. राजनीतिक नेताओं के लिए चुनाव जरूरी है. चुनावी रैलियों में भारी भीड़ और कुंभ में लाखों लोगों के शाही स्नान के बाद धार्मिक नेता कहते हैं कि अब कुंभ सांकेतिक होगा. जब राहुल गांधी ने अपनी चुनावी रैलियां रद्द कीं, उसके बाद भी बीजेपी और TMC नेताओं की रैलियां कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन के साथ चलती रहीं.” 'नेता दूसरे देशों से बेमतलब की तुलना करते हैं'परकला प्रभाकर ने कहा कि हमारे नेता दूसरे देशों से 'असंवेदनशील और बेमतलब' की तुलना करते हैं और भारत में संक्रमण दर कम होने का दावा करते हैं.प्रभाकर ने कहा, "दूसरे देशों से बेहतर स्थिति में होना उस परिवार के लिए क्या मायने रखेगा, जिसने अपना एक सदस्य खो दिया है. हम इस महामारी और संकट को समझेंगे ही नहीं अगर सिर्फ आंकड़े देखेंगे."“रिपोर्ट्स कहती हैं कि महामारी अभी रुकने वाली नहीं है. देश को लगभग 140 करोड़ वैक्सीन डोज की जरूरत होगी. जिस समय हमें अपना स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक करना चाहिए था, उस समय हम ताली और थाली बजा रहे थे. लोगों की मदद की जगह सरकार हेडलाइन मैनेज कर रही थी.” 'सरकार एक्सपर्ट्स से बात नहीं कर रही'परकला प्रभाकर ने कहा कि सरकार देश में मौजूद एक्सपर्ट्स के अनुभव से कुछ सीखना नहीं चाहती है. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री की लोकप्रियता, बोलने की महारत और राजनीतिक प्रभाव उन्हें इस सरकार की अयोग्यता, अक्षमता और बेरहमी से बचा लेती है."...More Related News