
COVID की दूसरी लहर:डर का दिमाग पर असर?इन उपायों से मिल सकती है मदद
The Quint
Mental Health during the COVID‐19 Pandemic: कोरोना की दूसरी लहर: डर का आपके दिमाग पर कैसा हो रहा असर, How the fear about coronavirus second wave, situation, informations around it impacting our mental health.
26 साल की अनिशा हाल ही कोविड संक्रमण से उबरी हैं लेकिन इन दिनों उन्हें अपने परिवार की चिंता है जो अब तक संक्रमण से बचे हुए हैं. कोरोनावायरस की दूसरी लहर में अस्पतालों के बाहर लोगों की चीख-पुकार, ऑक्सीजन की कमी, श्मशान में जलती लाशों के विजुअल मीडिया और सोशल मीडिया पर बहुत आम हो गए हैं. ये खबर और सूचनाएं अब डर बनकर हमारे दिमाग में जगह बनाती जा रही है. अनिशा भी इसी डर से घिरी हैं. जाहिर है, इस डर का मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है.इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ अप्लाइड साइकोलॉजी की एक स्टडी के परिणामों ने संकेत दिया कि सोशल मीडिया के जरिये आपदा की खबर कंज्यूम करने वाले लोगों में डिप्रेशन का रिस्क ज्यादा पाया गया है. ये मानसिक स्वास्थ्य को खराब कर सकता है.डिजास्टर स्ट्रेसर(Disaster stressor) एक रिस्क फैक्टर हो सकता है जो अवसाद में सोशल मीडिया के इस्तेमाल के हानिकारक प्रभाव को और बढ़ाता है. स्ट्रेसर आपके आस-पास की घटनाएं या स्थितियां हैं जो तनाव को ट्रिगर कर सकती हैं. स्टडी के मुताबिक, सोशल मीडिया पर आपदा के बारे में ज्यादा जानकारी नकारात्मक प्रभाव को ट्रिगर कर सकती है, जो बाद में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में बदल सकते हैं.कुल मिलाकर जब बुरी खबरें हमेशा बनी रहें तो आपका मूड लगातार निगेटिव रहने लगता है जो आगे चलकर एंग्जायटी और डिप्रेशन पैदा कर सकता है.अनिशा का कहना है कि इन दिनों अचानक उनकी पल्स रेट और धड़कन तेज हो जाती है. कोरोना वायरस पर मीडिया कवरेज देखकर उन्हें डर लगता है कि अगर परिवार में और किसी को संक्रमण हो गया तो अस्पताल में जगह नहीं मिलेगी. दवाईयों और ऑक्सीजन का इंतजाम भी नहीं हो सकेगा.गुड़गांव में फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में मेंटल हेल्थ एंड बिहेवोरियल साइंस हेड डॉक्टर कामना छिब्बर कहती हैं कि लंबे समय तक चलने वाले तनाव से फटीग(Fatigue) हो जाता है और उसे बर्दाश्त करने की क्षमता कम होने लगती है. ये थकान सबके मन में आने लगी है. मौजूदा समय में सभी चिंता और तनाव से घिरे हुए हैं. लोग निगेटिव खबर को सुनते ही खुद से जोड़कर देखते हैं कि अगर ऐसी स्थिति उनके साथ हुई तो वो क्या करेंगे. इस स्थिति में घबराहट, बेचैनी होने लगती है.वो कहती हैं- मानसिक रूप से स्वस्थ और अस्वस्थ लोगों पर इसका असर एक सा ही होता है. नींद खराब हो सकती है,...More Related News