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COP26 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ग्लासगो दौरा क्यों अहम है?
BBC
ब्रिटेन के ग्लासगो शहर में आज से जलवायु परिवर्तन पर शिखर सम्मेलन होने जा रहा है, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहाँ पहुँच चुके हैं. भारत के लिए उनका ये दौरा क्यों अहम है?
भारत को पिछले एक साल में प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बेमौसम बरसात, बाढ़ और तूफ़ान की वजह से 87 अरब डॉलर का नुक़सान हुआ है.
ये आँकड़ा वर्ल्ड मीटियोरोलॉजिकल ऑर्गनाइज़ेशन ने जारी किया है. इस मामले में भारत से आगे केवल चीन है जिसका पिछले एक साल का नुक़सान 238 अरब डॉलर का है. जानकार इस नुक़सान को जलवायु परिवर्तन से जोड़ कर देखते हैं.
यही वजह है कि भारत समेत दुनिया के तक़रीबन 120 देश ब्रिटेन के ग्लासगो शहर में जुट रहे हैं ताकि जलवायु परिवर्तन और उससे होने वाले ख़तरे से निपटने पर दुनिया एक साथ मिल-बैठकर क़दम उठा सके.
दिल्ली, उत्तराखंड से लेकर केरल तक, गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल और असम तक के लोगों ने बदलते तापमान की वजह से होने वाले इन बदलावों को काफ़ी क़रीब से महसूस किया है.
इन्हीं बदलावों के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ग्लासगो दौरा अहम हो जाता है जहाँ दुनिया के तमाम बड़े देश दुनिया के बदलते तापमान को लेकर चर्चा करने वाले हैं.