
COP26 जलवायु सम्मेलन: वैश्विक तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस वृद्धि से क्या होगा?
The Quint
Climate Crisis:शिखर सम्मेलन में एक समझौते को सुरक्षित करना है, जो 2015 के पेरिस एग्रीमेंट का हिस्सा है. The Summit Aims To Secure An Agreement, Which Is Part Of The 2015 Paris Agreement.
स्कॉटलैंड के ग्लासगो (Glasgow) में आयोजित होने वाले 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) शुरू हो गया है. एक्सपर्ट्स की ओर से बार-बार कहा गया है कि कार्बन उत्सर्जन को सीमित करने के हमारे वर्तमान प्रयास ग्लोबल स्तर पर बढ़ती पर्यावरणीय चिंताओं से मेल नहीं खाते हैं.शिखर सम्मेलन में एक समझौते को सुरक्षित करना है, जो 2015 के पेरिस एग्रीमेंट का हिस्सा है. यह औसत वैश्विक तापमान में वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक सीमित करने पर जोर देता है, जिसका लक्ष्य 1.5 डिग्री सेल्सियस पर रखना है.ADVERTISEMENTहालांकि, जलवायु परिवर्तन पर युनाइटेड नेशन के सरकारी पैनल द्वारा जारी लगभग तीन साल पुरानी रिपोर्ट में 1.5 डिग्री सेल्सियस की तापमान वृद्धि को पार करने की लगभग अनिवार्यता पर प्रकाश डाला गया है.2018 की रिपोर्ट के अनुसार, यदि उत्सर्जन अपने वर्तमान ट्रैजेक्ट्री पर जारी रहता है, तो वर्ष 2030 और 2052 के बीच औसत वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के दावे से संबंधित रिपोर्ट के मुताबिक क्लाइमेट चेंज हमसे ज्यादा तेजी से आगे बढ़ रहा है. तो, अगर ग्लोबल हीटिंग 2 डिग्री सेल्सियस के उच्च स्तर को छूता है, तो क्या होगा? और क्या यह काफी खराब है कि हीटिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस के शिखर तक लिमिटेड कर दिया जाए? इसका जवाब हां में प्रतीत होता है.द कन्वर्सेशन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक ताप के 1.5 डिग्री सेल्सियस पर भी कठिन समय आने वाला है. लेकिन 1.5 डिग्री सेल्सियस और 2 डिग्री सेल्सियस हीटिंग के बीच का स्थान एक महत्वपूर्ण युद्ध का मैदान है.गर्म लहरों का बढ़ना2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि का दुनिया भर में अनुभव किए जाने वाले अत्यधिक गर्म मौसमों पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा.मध्य अक्षांशों पर स्थित क्षेत्रों में, अत्यधिक गर्म दिन 1.5°C की सीमित वृद्धि पर 3°C अधिक गर्म होंगे. येल क्लाइमेट कनेक्शंस की रिपोर्ट के मुताबिक 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि का मतलब है कि ये क्षेत्र लगभग 4 डिग्री सेल्सियस गर्म होंगे.रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दुनिया की लगभग 14 प्रतिशत आबादी हर पांच साल में एक बार अत्यधिक गर्मी की लहरों के संपर्क में आएगी, यदि वैश्विक ...