
CM Yogi in Gorakhpur: जानें- किसने की सम्राट विक्रमादित्य से सीएम योगी की तुलना, बताया आज के दौर का विक्रमादित्य
ABP News
CM Yogi Adityanath: गोरखपुर (Gorakhpur) में स्वामी वासुदेवाचार्य (Swami Vasudevacharya) ने सीएम योगी की तुलना सम्राट विक्रमादित्य (Samrat Vikramaditya) से की और उन्हें आज के दौर का विक्रमादित्य बताया.
CM Yogi Adityanath Gorakhpur Visit: सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ (Mahant Digvijay nath) की 52वीं व राष्ट्र संत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ (Mahant Avaidyanath) की 7वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के अंतर्गत गुरुवार को ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की पुण्य स्मृति में श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि गोरक्षा, संस्कृत (Sanskrit) और संस्कृति की रक्षा के लिए धार्मिक संस्थाओं को आगे आना चाहिए. उन्होंने गोरक्षा के लिए लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि गोरक्षा भाषणों से नहीं होगी. इसके लिए तीन व्यवस्थाओं पर सरकार कार्य कर रही है. योगी आदित्यनाथ ने सभी धार्मिक संस्थाओं से आह्वान किया है कि वे गोरक्षा, संस्कृत और संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें सरकार पूरा सहयोग करेगी. उन्होंने भारत और भारतीय संस्कृति (Indian Culture) को बचाने के लिए हर भारतीय (Indian) को तैयार रहने का भी संदेश दिया.
सरकार हर स्तर पर सहयोग करेगीगोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर धार्मिक पीठ संस्कृत विद्यालय खोले, सरकार इसमें हर स्तर पर सहयोग करेगी. संस्कृत और संस्कृति को प्रोत्साहन हमारे आश्रमों को देना होगा. संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए योग्यता के आधार पर शिक्षकों का चयन करना होगा. अयोग्य व्यक्ति संस्था को नष्ट कर देगा, ऐसे में योग्य को तराशने की जिम्मेदारी धर्माचार्यों और आश्रमों को लेनी होगी. इससे संस्कृत, संस्कृति की रक्षा के साथ गोरक्षा भी होगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि गोरक्षा के लिए सरकार तीन व्यवस्थाओं पर कार्य कर रही है. पहला निराश्रित गोवंश के लिए आश्रय स्थल बनाए गए हैं, जहां वर्तमान में 6 लाख गोवंश संरक्षित हैं. दूसरा सहभागिता योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति आश्रय स्थलों से चार गोवंश लेकर उन्हें पालता है, तो प्रति गोवंश के लिए सरकार उसे प्रतिमाह 900 रुपये देती है. जबकि गाय का दूध व अन्य सभी उत्पाद उसी व्यक्ति के हिस्से में आता है. तीसरी व्यवस्था कुपोषित महिलाओं और बच्चों के लिए की गई है. इसमें भी संबंधित परिवार को एक गाय व उसके पालन के लिए प्रतिमाह 900 रुपये दिए जा रहे हैं.