Chinook Helicopters: अमेरिका में चिनूक हेलिकॉप्टर का ग्राउंड होना भारत के लिए चिंता की बात क्यों?
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जिस अमेरिकी हेलिकॉप्टर से भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाई, उसकी पूरी फ्लीट को अमेरिका ने अपने यहां जमीन पर उतार दिया है. चिनूक दुनिया के बेहतरीन हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर्स में से एक रहा है. आपदा-राहत और मिलिट्री मिशन में बेहतरीन काम किया है. चिनूक अमेरिका में क्यों फेल हो रहा है? क्या इससे भारत पर कोई असर पड़ेगा?
अपने पेट में 33 से 55 सैनिक. 24 स्ट्रेचर या 11 हजार किलोग्राम वजन उठाने की क्षमता रखने वाले सीएच-47 चिनूक हेलिकॉप्टर (CH-47 Chinook Helicopter) की पूरी फ्लीट को अमेरिका ने जमीन पर उतार दिया है. सारे के सारे 400 हेलिकॉप्टरों को. फिलहाल इसकी सेवाएं नहीं ली जा रही हैं. इस हेलिकॉप्टर की सबसे बड़ी खूबसूरती और हैरान करने वाली बात है, उसके डबल रोटर यानी दो बड़े पंखे के सहारे इसका उड़ना. जैसे किसी एलियन दुनिया का यान. इसे पहली बार 1961 में उड़ाया गया था. तब ऐसे हेलिकॉप्टर की कल्पना भी नहीं की गई थी. साल 2012 तक पूरी दुनिया में 1200 से ज्यादा ऐसे हेलिकॉप्टरों का उत्पादन किया गया.
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के पास भी 15 चिनूक हैं. और हेलिकॉप्टरों का ऑर्डर नहीं दिया गया है. न ही निकट भविष्य में ऐसी कोई योजना है. पायलट, को-पायलट, फ्लाइट इंजीनियर या लोडमास्टर वाले तीन सदस्यीय क्रू वाले हेलिकॉप्टर की रेंज 740 KM है. 98 फीट लंबे हेलिकॉप्टर की गति 315 KM प्रतिघंटा है. सीएच-47 चिनूक (CH-47 Chinook Helicopter) दुनिया के तेज उड़ने वाले भारी परिवहन हेलिकॉप्टरों में शामिल है. यह 12.5 फीट चौड़ा और 18.11 फीट ऊंचा होता है. चीन सीमा के पास लद्दाख में इसकी तैनाती भी की गई है. अब सवाल ये उठ रहा है कि जिस हेलिकॉप्टर से भारतीय मिलिट्री की ताकत बढ़ी है, उसे अमेरिका ने जमीन पर उतार दिया है. क्या ये भारतीय वायुसेना के लिए भी चिंता का विषय है.
भारतीय वायुसेना ने पूछा बोईंग से सवाल
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने चिनूक हेलिकॉप्टर की ग्राउंडिंग को लेकर इस हेलिकॉप्टर को बनाने वाली कंपनी बोईंग से पूछा है कि इस फ्लीट को ग्राउंड पर लाने की क्या वजह है. भारतीय वायुसेना ने इन हेलिकॉप्टरों को मार्च 2019 में अपनी फ्लीट में शामिल किया था. वायुसेना ने कहा है कि भारतीय चिनूक की उड़ानें नहीं रोकी गई हैं. वो चल रही हैं. हमने अमेरिकी कंपनी से वजह पूछी है. ये भी पूछा है कि क्या उससे भारतीय वायुसेना की चिनूक फ्लीट को कोई खतरा है. भारतीय वायुसेना की फ्लीट चंड़ीगढ़ के एयरफोर्स बेस पर तैनात है. इनमें से कुछ को लद्दाख में भी भेजा गया है.
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कहां-कहां उपयोग किए गए ये हेलिकॉप्टर
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