
Chhinnamastika Devi: एक ऐसा मंदिर जहां बिना सिर वाली देवी मां की होती है पूजा, यहां भक्तों की हर मनोकामना होती है पूरी
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आज बात माता के एक ऐसे मंदिर की जहां मां की एक ऐसी मूर्ति स्थापित है जिनका सिर कटा हुआ है और उनका कटा हुआ सिर उन्हीं के हाथ में है. क्या है माता के इस रूप के पीछे की पौराणिक कथा, यहां पढ़ें.
नई दिल्ली: चैत्र और शारदीय नवरात्रि के दौरान शक्ति का स्वरूप देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है (). इनके बारे में तो हम सभी जानते हैं. लेकिन इन 9 रूपों के अलावा मां दुर्गा की 10 महाविद्याएं (10 Mahavidya) भी हैं जिन्हें सिद्धि देने वाली माना जाता है. गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की इन 10 महाविद्याओं की ही पूजा की जाती है. इन्हीं में शामिल हैं मां छिन्नमस्ता (Maa Chhinnamasta). मां छिन्नमस्ता या छिन्नमस्तिका का विश्व प्रसिद्ध मंदिर झारखंड की राजधानी रांची से 80 किलोमीटर दूर रजरप्पा में है. इस मंदिर की खासियत है यहां की मूर्ति. ऐसी मान्यता है कि असम के कामाख्या मंदिर (Kamakhaya Temple) को दुनिया की सबसे बड़ी शक्तिपीठ कहा जाता है और उसके बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़े शक्तिपीठ के रूप में रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका का मंदिर प्रसिद्ध है (Chhinnamastika Temple). इस मंदिर में स्थित की मां की मूर्ति की बात करें तो मां का कटा हुआ सिर उन्हीं के हाथों में है और उनकी गर्दन से रक्त की धारा प्रवाहित हो रही है जो दोनों और खड़ी दो सखियों के मुंह में जा रही है. मां का यह स्वरूप कुछ लोगों को देखने में भयभीत भी कर सकता है.More Related News