
Chaitra Navratri Day 7: नवरात्रि के सातवें दिन ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा, हर तरह की बाधा होगी दूर
Zee News
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है. माता का यह रूप भले ही भयानक हो लेकिन वे हमेशा ही शुभ फल देने वाली देवी मानी जाती हैं. इसलिए भक्तों को सच्चे मन से उनकी पूजा करनी चाहिए ताकि जीवन की सभी बाधाएं दूर हो सकें.
नई दिल्ली: आज चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की सप्तमी तिथि है और इस दिन शक्ति का रूप मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि () की पूजा की जाती है. मां कालरात्रि को काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, चंडी आदि नामों से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि मां कालरात्रि की पूजा अर्चना करने से नकारात्मक शक्तियों (Negative powers) का नाश होता है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन में आने वाली सभी बाधाएं भी दूर हो जाती हैं. मां कालरात्रि की पूजा की विधि और माता का पसंदीदा भोग क्या है, यहां पढ़ें. देवी भागवत पुराण (Bhagwat puran) के अनुसार मां कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है, सिर के बाल बिखरे हुए हैं, गले में बिजली की तरह चमकने वाली एक माला है. मां के तीन नेत्र हैं जो ब्रह्मांड की तरह बिल्कुल गोल और विशाल हैं. मां की चार भुजाएं हैं जिसमें एक हाथ में उन्होंने तलवार, दूसरे में लौह अस्त्र, तीसरा हाथ अभय मुद्रा में और चौथा वरमुद्रा में है. मां कालरात्रि का वाहन गर्दभ है. ऐसी मान्यता है कि मां अपने इस स्वरूप में भक्तों को अकाल मृत्यु से बचाती हैं.More Related News