
Chaitra Navratri Day 5: संतान प्राप्ति की इच्छा हो तो नवरात्रि के पांचवें दिन आज जरूर करें मां स्कंदमाता की पूजा
Zee News
चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन आज मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है स्कंदमाता की सच्चे मन से पूजा की जाए तो स्वास्थ्य से जुड़ी सभी तरह की दिक्कतें दूर हो जाती हैं और ज्ञान भी बढ़ता है.
नई दिल्ली: शक्ति की देवी मां दुर्गा (Goddess Durga) की उपासना का पर्व है चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri). इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की हर दिन पूजा की जाती है. आज 17 अप्रैल शनिवार को चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन है और आज देवी के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता () की पूजा की जा रही है. शिव जी और मां पार्वती के पहले और षडानन यानी छह मुख वाले पुत्र कार्तिकेय (Lord Kartikey) का एक नाम स्कंद है, इसलिए मां के इस रूप को स्कंदमाता कहा जाता है. संतान प्राप्ति के लिए मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना को लाभकारी माना जाता है. मां स्कंदमाता के इस रूप की चार भुजाएं हैं और इनकी गोद में भगवान स्कंद यानी कार्तिकेय बालरूप में विराजमान हैं. एक हाथ में कमल का फूल है, बाईं ओर की ऊपर वाली भुजा वरदमुद्रा है और नीचे दूसरा श्वेत कमल का फूल है. सिंह इनका वाहन है. हमेशा कमल के आसन पर स्थित रहने के कारण इन्हें पद्मासना (Padmasana) भी कहा जाता है. स्कंदमाता की पूजा करने से ज्ञान में भी वृद्धि होती है (Knowledge) इसलिए इन्हें विद्यावाहिनी दुर्गा देवी भी कहा जाता है.More Related News