Centre Vs Maharashtra: ED के निशाने पर अब तक आ चुके हैं महाराष्ट्र के ये नेता, पुलिस का भी एक्शन, पढ़िए खास रिपोर्ट
ABP News
महाराष्ट्र में ईडी के निशाने पर सबसे पहले जो बड़ा नाम आया वो था एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे छगन भुजबल का.
केंद्र की मोदी सरकार बनाम महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार की सियासी लड़ाई के बीच जांच एजेंसियों की भूमिका पर इस वक्त सवाल उठ रहे हैं. एक ओर जहां ईडी ने ठाकरे सरकार के सहयोगी दलों के नेताओं की नींद उड़ा रखी है तो वहीं ठाकरे सरकार के अधीन काम करने वाली महाराष्ट्र पुलिस ने भी BJP नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने शुरू कर दिये हैं. महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संग्राम में इन जांच एजेंसियों की क्या भूमिका है, इसपर पढ़िए एबीपी की ये खास रिपोर्ट.
• महाराष्ट्र में ईडी के निशाने पर सबसे पहले जो बड़ा नाम आया वो था एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे छगन भुजबल का. साल 2016 में भुजबल पर आरोप लगा कि उन्होंने दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के पुनर्निर्माण के ठेकों में घोटाला किया और उससे अर्जित की गई कमाई को विदेश में ठिकाने लगाया. इस मामले में उनके भतीजे समीर भुजबल को भी गिरफ्तार किया गया. करीब 2 साल जेल में रहने के बाद चाचा-भतीजे को जमानत मिली.