
CCTV: ईरान के पोर्ट पर ब्लास्ट का वीडियो आया सामने, दिखा भयावह मंजर
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ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट पर हुए एक भीषण धमाके में 14 लोगों की जान चली गई और 700 से ज़्यादा लोग ज़ख़्मी हुए हैं. मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग बुरी तरह झुलसे हुए हैं. इसे केमिकल धमाका बताया जा रहा है. धमाके के बाद लगी भीषण आग को बुझाने के लिए विमानों का भी इस्तेमाल करना पड़ा.

पाकिस्तान की सेना का फ्रॉड अफ्रीकी महादेश में भी जारी है. आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने पाकिस्तान और अफ्रीकी देश लीबिया के बीच हुए 4 अरब डॉलर के सैन्य समझौते का खूब डंका बजाया. लेकिन मुनीर ने ये डील यूएन के प्रतिबंधों को धत्ता बताकर लीबिया के उस सैन्य नेता के साथ की है जिस पर अतंर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लगा है. और कोई भी देश या एजेंसी लीबिया को हथियारों की सप्लाई नहीं कर सकता है.

बांग्लादेश में हालिया हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के कारण हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा गंभीर खतरे में है. शेख हसीना सरकार के पतन के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले बढ़े हैं, जिससे कई हिंदू परिवार विस्थापित हुए हैं. हिंदुओं पर अत्याचार न रोक पाने वाला बांग्लादेश म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने का दावा करता है.

अमेरिकी सेना ने एक बार फिर पूर्वी प्रशांत महासागर में ड्रग तस्करों पर बड़ी कार्रवाई की है. अमेरिकी सदर्न कमांड ने सोशल मीडिया पर बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर छोटी नाव को मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में निशाना बनाया गया. इस हमले में एक शख्स की मौत हो गई. हालांकि अमेरिकी सेना ने इसे लेकर किसी तरह के सबूत नहीं दिए. वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह मिसाइल लगते ही बोट के परखच्चे उड़ गए और उसके फौरन ही बाद जहाज में आग लग गई. बता दें वेनेजुएला से तनाव के बीच ड्रग्स बोट को आए दिन अमेरिकी सेना निशाना बना रही है. बताया जा रहा है कि अमेरिकी कार्रवाई में अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है.

बांग्लादेश में हिन्दुओं की घटती आबादी की सबसे बड़ी वजह धार्मिक उत्पीड़न, हिंसा और पलायन है. बांग्लादेश के इतिहास के 54 सालों में हिन्दू डेमोग्राफी का स्पेस लगातार सिकुड़ता गया है. 1974 की बांग्लादेश की पहली जनगणना में हिन्दुओं की आबादी लगभग 14 फीसदी थी जो अब घटकर 7.5 फीसदी रह गई है. जबकि मुस्लिमों की जनसंख्या में तेज उछाल दर्ज किया गया है.









