CBI को ट्रांसफर होगा ED अधिकारियों पर अटैक केस? कलकत्ता हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
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यह आरोप लगाते हुए कि राज्य पुलिस पक्षपाती थी, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने 5 जनवरी को संदेशखाली में लगभग 1,000 लोगों की भीड़ द्वारा अपने अधिकारियों पर किए गए हमले पर ईडी की एफआईआर के बाद जानबूझकर शेख को गिरफ्तार किया, जबकि उनके खिलाफ 40 से अधिक दर्ज अन्य मामले वर्षों से लंबित हैं.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने टीएमसी के परिसरों पर छापेमारी करने गए ईडी अधिकारियों पर हमले के संबंध में जांच को पश्चिम बंगाल पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर करने की प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सोमवार को आदेश सुरक्षित रख लिया. मुख्य न्यायाधीश टी.एस शिवगणम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई ईडी, राज्य और सीबीआई की दलीलों के बाद खत्म हुई.
यह आरोप लगाते हुए कि राज्य पुलिस पक्षपाती थी, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने 5 जनवरी को संदेशखाली में लगभग 1,000 लोगों की भीड़ द्वारा अपने अधिकारियों पर किए गए हमले पर ईडी की एफआईआर के बाद जानबूझकर शेख को गिरफ्तार किया, जबकि उनके खिलाफ 40 से अधिक दर्ज अन्य मामले वर्षों से लंबित हैं.
शेख की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच बशीरहाट पुलिस से लेकर सीआईडी को सौंप दी थी. राजू ने दावा किया कि ऐसा शेख की सीबीआई हिरासत से इनकार करने के लिए किया गया था, भले ही जांच उसे ट्रांसफर कर दी गई हो, क्योंकि किसी आरोपी की अधिकतम पुलिस हिरासत अवधि 14 दिन है.
राज्य की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने जांच ट्रांसफर करने की प्रार्थना का विरोध करते हुए दावा किया कि यह राज्य पुलिस ही थी जिसने ईडी अधिकारियों को बचाया और उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली से उनके लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने में कामयाब रही. सीबीआई के वकील ने कहा कि अगर अदालत निर्देश देगी तो एजेंसी जांच करने को तैयार है.
(पीटीआई के इनपुट के साथ)
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