
CAA: दो साल का हुआ क़ानून, मगर पाकिस्तान से आए हिंदुओं की नागरिकता का क्या हुआ
BBC
नागरिकता संशोधन क़ानून को भारी विरोध के बाद दो साल पहले दिसंबर में ही मंज़ूरी मिली थी. पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों के लिए वो जश्न का दिन था. आज क्या है उनकी हालत?
पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों के बीच दो साल पहले दिसंबर के महीने में जब संसद ने नागरिकता संशोधन क़ानून को संवैधानिक मान्यता दी थी तो दिल्ली के 'मजनूं का टीला' के इलाक़े में बसी हुई श्री राम कालोनी में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी परिवारों ने जमकर जश्न मनाया था.
ढोल, नगाड़ों और गीतों के साथ सरकार के इस फ़ैसले का स्वागत गर्म-जोशी के साथ किया गया.
उम्मीद की जाने लगी कि अब इन सबकी परेशानियां दूर हो जाएंगी.
दयाल दास, पाकिस्तान के सिंध हैदराबाद के रहने वाले हैं जो वर्ष 2013 में अपने परिवार के साथ भारत आये थे.
वो कहते हैं, "बस यही मत पूछिए हम क्यों आये थे. वहां इतनी प्रताड़ना झेली फिर भी हम और हमारे बाप दादा सब्र करते रहे. लेकिन जब चीज़ें ऐसी हो गयीं कि हम और बर्दाश्त करने की हालत में ही नहीं थे तो फिर हम यहाँ आ गए. ये सोचते हुए कि हम हमारी बेटियाँ और बहने सुरक्षित रहेंगे."