Budget 2024: देश के वित्त मंत्री ही नहीं... ये 3 प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं बजट पेश, जानें क्यों लेना पड़ा फैसला?
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Budget 2024 : देश के वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 6वां बजट पेश करेंगी. इस बार बजट में किसी शानदार घोषणा की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. बता दें कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट नई सरकार के गठन के बाद पेश किया जाएगा.
देश का आम बजट (Budget 2024) पेश होने वाला है और 1 फरवरी 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) संसद में बजट को जनता के सामने पेश करेंगी. बता दें कि आम बजट देश की फाइनेंशियल हेल्थ का पूरा लेखा-जोखा होता है और इसे पेश करने की जिम्मेदारी आमतौर पर वित्त मंत्री (Finance Minister) की होती है, लेकिन भारतीय बजट इतिहास में तीन बार ऐसे मौके भी आए हैं, जब प्रधानमंत्री को संसद में Budget पेश करना पड़ा. आइए जानते हैं इन प्रधानमंत्रियों के बारे में और क्यों लेना पड़ा उन्हें ये फैसला?
जवाहर लाल नेहरू ने पेश किया बजट भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने पीएम रहते हुए संसद में देश का आम बजट पेश किया था. उन्होंने एक नहीं बल्कि दो बार देश के वित्त मंत्री का कार्यभार भी संभाला है. सबसे पहले 24 जुलाई 1956 से लेकर 30 अगस्त 1956 तक उन्होंने पहली बार वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था.
इसके बाद 13 फरवरी 1958 से लेकर 13 मार्च 1958 तक दूसरी बार सिर्फ 29 दिन तक वित्त मंत्री रहे. यही वो समय ता जब उन्हें बजट पेश करना पड़ा. दरअसल, तत्कालीन नेहरू सरकार में वित्त मंत्री टीटी कृष्णमचारी को मूंदड़ा घोटाले की वजह से पद से इस्तीफा देना पड़ा था और इस वजह से पीएम जवाहरलाल नेहरू ने संसद में बजट पेश किया था.
इंदिरा गांधी ने भी संसद में पढ़ा बजट जवाहरलाल नेहरू के बाद इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) देश की ऐसी दूसरी प्रधानमंत्री बनीं, जिन्होंने संसद में बजट भाषण दिया था. इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान भी कुछ ऐसा हुआ था, जिसके चलते वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई थी. दरअसल, तत्कालीन इंदिरा सरकार में वित्त मंत्री मोरारजी देसाई (Morarji Desai) के इस्तीफा देने के बाद उन्होंने वित्त मंत्री का पदभार संभाला और वित्त वर्ष 1970-71 का बजट पेश किया था.
राजीव गांधी को भी मिला बजट पेश करने मौका देश के प्रधानमंत्री (Indian Prime Minister) रहते हुए संसद में बजट पेश करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री भी गांधी-नेहरू परिवार से ही रहे. जी हां, हम बात कर रहे हैं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की, जिन्होंने पीएम रहते हुए देश का वित्तीय लेखा-जोखा यानी बजट पेश किया था. तत्कालीन सरकार में वित्त मंत्री वीपी सिंह (VP Singh) के सरकार से बाहर होने के बाद प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने वित्त मंत्री का पदभार संभाला. उन्होंने वित्त वर्ष 1987-88 का आम बजट पेश किया था.
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