BPSC पेपर लीक कांड: आरोपी DSP के ससुराल पहुंची जांच एजेंसी, चार्जशीट दाखिल
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बीपीएससी पेपर लीक केस मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOW) की टीम ने मामले के आरोपी रंजीत रजक के चार ठिकानों पर छापेमारी की. बताया जा रहा है कि आरोपी रंजीत ने इस करप्शन का जाल अपनी ससुराल तक फैला रखा था.
Bihar News: बीपीएसपी पेपर लीक कांड में गिरफ्तार DSP रंजीत रजक ने अपने भ्रष्टाचार का जाल अपने ससुराल तक फैलाया था. आर्थिक अपराध इकाई (EOW) की टीम ने बीएमपी पटना 14 में तैनात रहे निलंबित डीएसपी रंजीत रजक के 4 ठिकानों पर शनिवार को एक साथ छापेमारी की. रंजीत रजक के पटना के रूपसपुर स्थित किराए के फ्लैट के अलावा अररिया और कटिहार में उनके ठिकानों पर छापा मारा गया. फिलहाल रंजीत रजक के भाई और बहनोई के अलावा उनके कई रिश्तेदार EOW की रडार पर हैं. एजेंसी ने पैतृक आवास पर छापेमारी करने के साथ आरोपी के कटिहार स्थित पेट्रोल पंप पर भी कार्रवाई की है.
पुलिस सूत्रों की मानें तो एक बार परीक्षा पास करने के बाद डीएसपी रंजीत कुमार रजक ने खुद भी दोबारा बीपीएससी की परीक्षा दी थी. इस बार उनका रैंक भी बेहतर आया, मगर उन्होंने प्रशासनिक सेवा की बजाय डीएसपी के पद पर ही रहने का फैसला लिया. उस समय उनके साथ बड़े भाई ने भी बीपीएससी की परीक्षा पास की थी, जो प्रशासनिक अधिकारी के पद पर हैं.
इसी बैच में एक और व्यक्ति ने भी बीपीएससी की परीक्षा पास की, जिससे रंजीत कुमार रजक ने अपनी बहन की शादी कर दी. डीएसपी रंजीत रजक की बीपीएससी पेपर लीक कांड में संलिप्तता सामने आई थी. इस मामले में गया के राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्राचार्य को गिरफ्तार किया गया था. उधर, जांच एजेंसी ने भोजपुर जिले के धरहरा प्रखंड के के तत्कालीन बीडीओ और वीर कुंवर सिंह कॉलेज पर बतौर मजिस्ट्रेट तैनात जयवर्धन गुप्ता समेत 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है.
इन लोगों के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट
पटना की विशेष कोर्ट में दायर चार्जशीट में जिन 9 लोगों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने आरोप पत्र दाखिल किया है, उनमें वीर कुंवर सिंह महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य योगेंद्र प्रसाद सिंह, प्रोफेसर सुशील सिंह, बरहड़ा के बीडीओ जयवर्धन गुप्ता, सहायक केंद्र अधीक्षक अगम सहाय, कृष्णमोहन सिंह, राजेश कुमार, सुधीर कुमार, निशि कांत राय और अमित सिंह के नाम शामिल हैं. इन सभी आरोपियों पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा, जालसाजी और षड्यंत्र के अलावा साक्ष्य को गायब करने, आईटी एक्ट और बिहार परीक्षा अधिनियम के तहत धाराएं लगाई गई हैं.
फिलहाल ये सभी आरोपी पटना के ही बेऊर जेल में बंद हैं. इस मामले में गिरफ्तार किए गए डीएसपी रंजीत कुमार रजक समेत कुल 17 आरोपियों पर आरोप पत्र दाखिल करने की कार्रवाई चल रही थी, जिसमें पहले चरण में 9 आरोपियों पर आरोप पत्र दाखिल किया गया है. बाकी 8 आरोपियों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी जांच कर रही है. बता दें कि पिछले 8 मई को बीपीएससी पेपर लीक कांड की घटना सामने आई थी. इसके बाद पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई को सौंपी गई थी. जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़ती जा रही है.
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