Biological-E के साथ सरकार की 30 करोड़ Covid वैक्सीन डोज की डील
The Quint
biological e covid vaccine: केंद्र ने बायोलॉजिकल-ई की कोविड वैक्सीन की 30 करोड़ डोज बुक कर दी हैं, बायोलॉजिकल-ई को 1500 करोड़ का एडवांस पेमेंट किया जाएगा, government signs deal with biological e for 30 crore covid vaccine dose, will pay 1500 crore
कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) तेज करने के इरादे से केंद्र सरकार ने बायोलॉजिकल-ई की कोविड वैक्सीन (Biological-E Vaccine) की 30 करोड़ डोज बुक कर दी हैं. हैदराबाद स्थित इस कंपनी की वैक्सीन अभी क्लीनिकल ट्रायल स्टेज पर है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 जून को कहा कि बायोलॉजिकल-ई को 1500 करोड़ रुपये का एडवांस पेमेंट किया जाएगा.ये भारत बायोटेक की Covaxin के बाद देश की दूसरी स्वदेशी वैक्सीन होगी. मंत्रालय ने कहा कि अगस्त से दिसंबर 2021 के बीच बायोलॉजिकल-ई वैक्सीन डोज मैन्युफेक्चर और स्टॉकपाइल करेगी.बायोलॉजिकल-ई की कोविड वैक्सीन अभी क्लीनिकल ट्रायल्स के फेज 3 में है. सरकार ने अपने बयान में कहा कि फेज 1 और 2 और में अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि वैक्सीन अगले कुछ महीनों में उपलब्ध हो जाएगी. सरकार ने बताया है कि कंपनी को डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की तरफ से 100 करोड़ रुपये की सहायता दी गई थी.वैक्सीन के बारे में क्या पता है?बायोलॉजिकल-ई की वैक्सीन में टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल सेंटर फॉर वैक्सीन डेवलपमेंट में डेवलप किया गया एक एंटीजन है. इस वैक्सीन में Dynavax Technologies Corporations का एडवांस्ड एडजुवेंट CpG 1018TM भी है.वैक्सीन में SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन है. ये वैक्सीन रिकॉम्बिनेंट प्रोटीन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से एक नुकसान न करने वाले एजेंट से इम्युन प्रतिक्रिया शुरू करती है. ट्रायल्स के दौरान लोगों को दो वैक्सीन डोज 28 दिन के अंतराल पर दी गई थीं.कई कोविड वैक्सीन बना रही कंपनीबायोलॉजिकल-ई भारत की सबसे पुरानी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी है. कंपनी टेटनस, मीसल्स, रूबेला जैसी बीमारियों की वैक्सीन बनाती है. कोविड महामारी शुरू होने के बाद से बायोलॉजिकल-ई कई वैक्सीन पर काम कर रही है.जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल-शॉट वैक्सीन की 600 मिलियन डोज भारत में मैन्युफेक्चर करने का जिम्मा इसी कंपनी पर है. साथ ही बायोलॉजिकल-ई ने हाल में कनाडा की प्रोविडेंस थेराप्यूटिक्स होल्डिंग्स के साथ उसकी mRNA वैक्सीन PTX-Covid19-B बनाने का भी करार किया था. प्रोविडेंस हैदराबाद की इस कंपनी को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगी और 2022 में कंपनी 600 मिलियन डोज मैन्युफेक्चर करने का टारगेट रखती है.(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)...More Related News