Bheeshma Formula : ऐसी थाली को हाथ भी नहीं लगाना चाहिए, भीष्म पितामह ने अर्जुन को बताई थी ये बात
ABP News
Mahabharat : महाभारत में जिस प्रकार से विदुर द्वारा दिए गए उपदेश विदुर नीति कहलाते हैं उसी प्रकार से भीष्म पितामह ने मृत्युशैया पर लेटकर जो संदेश दिए वे भीष्म नीति कहलाए.
Bhishma Pitamah in Mahabharat : महाभारत का युद्ध सबसे विनाशकारी युद्धों में से एक माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक चला. महाभारत ज्ञान का भंडार भी है. ये व्यक्ति को सही और गलत का भेद बताता है. महाभारत की कथा भीष्म पितामह के बिना अधूरी है. भीष्म के बारे में कहा जाता है कि वे कोई सामान्य मनुष्य नहीं थे. शास्त्रों में उन्हें मनुष्य के रूप में देवता माना गया है. उन्हें वसु का अवतार कहा गया है.
महाभारत के 10वें दिन जब भीष्म के शरीर को अर्जुन अपने वाणों से छलनी कर देते हैं तो वे शरशैया पर शयन करते हैं. भीष्म पितामह को इच्छामृत्यु का वरदान भी प्राप्त था. जब भीष्म पितामह शैया पर थे तो युद्ध के समाप्त होने के बाद संध्या काल में सभी उनसे मिलने आते और ज्ञान प्रदान करते थे. इसी ज्ञान को भीष्म नीति भी कहा गया है. भीष्म पितामह ने अर्जुन को भोजन की थाली से जुड़ी अहम बातें भी बताईं. जिन्हें आपको भी जानना चाहिए-