Bhadrakali: इस तिथि पर प्रकट हुईं मां भद्रकाली, व्रत से मिट जाते हैं जाने-अनजाने में हुए समस्त पाप
ABP News
Bhadrakali: ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मां भद्रकाली का प्राकट्य हुआ था. मान्यता है कि इस एकादशी को व्रत रखने से जाने –अनजाने में हुए समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं.
Apara Ekadashi 2021 Bhadrakali Ekadashi: हिंदू धर्म के व्रतों में मां भद्रकाली व्रत का खास महत्त्व है. पंचांग के मुताबिक़ ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मां भद्रकाली का प्राकट्य हुआ था. मान्यता है कि इस एकादशी तिथि को भगवान शिव के बालों से मां भद्रकाली प्रकट हुई थी. इस लिए इसे भद्रकाली एकादशी कहते हैं. मां भद्रकाली के प्रकट होने का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी से राक्षसों का संहार करना था. धर्म ग्रंथों में भद्रकाली एकादशी अर्थात ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी, अचला एकादशी एवं जलक्रीड़ा एकादशी के नाम से जाना जाता है. वैसे तो एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. परन्तु इस एकादशी के दिन मां भद्रकाली का भी व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस एकादशी को व्रत रखने से भक्त को जाने –अनजाने में किये गए सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. इस व्रत के असर से प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है. घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती. घर परिवार में सुख शांति एवं समृद्धि होती है.More Related News