
Bahula Chaturthi 2021: 25 अगस्त को रखा जाएगा बहुला चतुर्थी का व्रत, जानें संपूर्ण विधि और इसके लाभ
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ऐसी मान्यता है कि बहुला चतुर्थी का व्रत रखने से संतान के ऊपर आने वाला संकट टल जाता है और भगवान गणेश उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं.
नई दिल्ली: हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार, भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को बहुला चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. चतुर्थी तिथि के देवता प्रथम पूज्य भगवान गणेश (Lord Ganesha) माने गए हैं. खास बात ये है कि इस बार चतुर्थी गणेश जी प्रिय दिन बुधवार (25 अगस्त) को पड़ रही है. यानी इस बार व्रत पूजा करने वाले लोगों को इससे विशेष लाभ मिलेंगे. ऐसी मान्यता भी है कि इस व्रत को करने से संतान के ऊपर आने वाला कष्ट शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं, सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और विघ्नहर्ता गणेश व्यक्ति के जीवन के सभी दुख और संकटों को दूर कर देते हैं. ज्योतिष में भी गणेश को चतुर्थी का स्वामी कहा गया है. इसे संतान की रक्षा का व्रत भी कहा जाता है. भाद्रपद चतुर्थी तिथि को पुत्रवती स्त्रियां अपने संतान की रक्षा के लिए उपवास रखती हैं. इस दिन चन्द्रमा के उदय होने तक बहुला चतुर्थी का व्रत करने का बहुत ही महत्व है. इस व्रत में गौ तथा सिंह की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजा करने का विधान प्रचलित है. इस व्रत को गौ पूजा व्रत भी कहा जाता है.More Related News