
Arati : भगवान को प्रसन्न करने के लिए 'आरती' का जानें सही तरीका, मिलेगा पूर्ण फल
ABP News
Arati : भगवान को प्रसन्न करने के लिए आरती को पूजा को अहम हिस्सा माना गया है. बिना आरती के पूजा अधूरी मानी गई है. आरती का सही तरीका क्या है, यहां जानें.
Arati : शास्त्रों के अनुसार आरती के बिना पूजा पूर्ण नहीं होती है. इसलिए पूजा में आरती का विशेष महत्व बताया गया है. घर हो या फिर धार्मिक अनुष्ठान. यदि पूजा की बात की जाए सबसे पहले आरती ही मन में आती है जिसको लेकर मन में एक दीपक सा जल उठता है. कोई भी पूजा बिना आरती के पूरी नहीं मानी जाती. पूजन को समापन करने के लिए आरती पूजन विधि का अंतिम चरण होता है. आरती करने से पूजा स्थल में और उसके आस-पास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा भर उठती है. यही समय होता है जब भगवान को प्रसन्न करने के लिए पूजा करने वाला साधक यदि मनोयोग से आरती वंदना करें, तो उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण करने में भगवान देरी नहीं करते.
आरती का अर्थ है देवता को आर्त्ताभाव तथा मन से पुकारना. आरती देवता की कृपा पाने के लिए की जाती है. कहते हैं इस समय जो भी आप मन में रखकर आरती करते हैं वह आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है. आरती करने का ही नहीं, बल्कि आरती देखने का बड़ा पुण्य मिलता है. ऐसे शास्त्रों में वर्णित हैं लेकिन आरती मनोयोग से करें तभी आपकी पुकार ईष्ट तक पहुंचती हैं. आज हम आपको विस्तृत रूप से बताएंगे कि भगवान को प्रसन्न करने के लिए आरती का किस प्रकार और कैसे किया जाना उत्तम फलदायी होता है.