Anand Giri ने 13 की उम्र में छोड़ा था घर, हासिल है रॉकस्टार साधु का दर्जा
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महंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी उलझी, तो आनंद गिरि की कर्मकुंडली खुल गई क्योंकि शक यही है कि आनंद गिरि के रहस्यलोक से ही बाबा की मौत का सच बाहर आएगा. ऐसे में आनंद गिरि जितनी ऊंची उड़ान उड़ रहा था, वो अब जमीन पर है और पुलिस की गिरफ्त में है. आनंद गिरि को करीब से जानने वाले कहते हैं कि प्रयागराज क्षेत्र में उन्हें एक रॉकस्टार साधु का दर्जा हासिल है. लोग उन्हें छोटे महाराज कहकर भी बुलाते हैं. आनंद गिरि ने 13 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था. सूत्रों की मानें तो आनंद गिरि अपने पासपोर्ट में मां के नाम की जगह हिंदू देवी पार्वती और पिता के स्थान पर गुरु का लिखते हैं. आनंद गिरि दावा करते हैं कि वह ब्रिटेन और कनाडा समेत दुनिया की कई संसदों में भाषण दे चुके हैं. देखें ये रिपोर्ट.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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