AMU प्रोफेसर की गिरफ्तारी पर उबाल, भाजपा युवा मोर्चा ने किया प्रदर्शन
AajTak
आरोपी प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भाजपा युवा मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन थाने में विरोध प्रदर्शन किया. इसके बीच एएमयू के गद्दारों को गोली मारो-गोली मारो के नारे भी लगाए.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मेडिसिन डिपार्टमेंट में तैनात एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है. डॉ. जितेंद्र कुमार ने देवी-देवताओं को लेकर अपमानजनक और अभद्र टिप्पणी की थी. जिसके विराध में भाजपा युवा मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन थाने में विरोध प्रदर्शन किया. 'एएमयू के गद्दारों को गोली मारो-गोली' मारो जैसे नारे लगाए. इस दौरान सिविल लाइन थाने पर पुलिस बल की तैनाती की गई.
दरअसल, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने लेक्चर के दौरान प्रोजेक्टर पर दर्शाए गए पॉइंट्स में एक धर्म की भावनाएं आहत करते हुए आपत्तिजनक बातें लिखी, जिसके बाद उसका फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो गया. एएमयू प्रशासन ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर जितेंद्र कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के अंदर इस पर जवाब मांगा था.
वहीं, भाजपा युवा मोर्चा महानगर अध्यक्ष अमन गुप्ता ने कहा कि एएमयू के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार ने हिन्दू देवी देवताओं के ऊपर अभद्र और अशोभनीय टिप्पणी की है. यह बर्दाश्त नहीं है. हिन्दू धर्म के लोग अपमानजनक टिप्पणी से बहुत गुस्से में हैं और आहत हैं. हम लोग प्रोफेसर जितेंद्र कुमार की गिरफ्तारी और सेवा समाप्त किए जाने की मांग करते हैं. हमलोग वीसी से मांग करते हैं कि ऐसे प्रोफेसर को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए. जिससे कि आगे कोई दूसरा व्यक्ति इस प्रकार की अभद्र टिप्पणी न कर पाए.
अलीगढ़ सिविल लाइन के डीएसपी श्वेताभ पांडेय ने बताया कि जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एक असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर जितेंद्र कुमार की ओर से फॉरेंसिक साइंस की क्लास लेते समय कुछ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया. प्रोफेसर जितेंद्र कुमार की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा युवा मोर्चा ने एक ज्ञापन दिया है. इस मामले में सिविल लाइन थाने में जांच चल रही है. एविडेंस एकत्रित किए जा रहे हैं. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.