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Amalaki Ekadashi 2021: आमलकी एकादशी आज, जानें व्रत के नियम और इस दिन क्या करें, क्या नहीं
Zee News
साल में 24 एकादशी आती है और हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व है. फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहते हैं और इस दिन भगवान विष्णु के साथ ही आंवले के पेड़ की भी पूजा क्यों की जाती है, जानने के लिए यहां पढ़ें.
नई दिल्ली: हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार, फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) या आंवला एकादशी कहते हैं. चूंकि हर साल यह एकादशी होली के त्योहार से 3-4 दिन पहले आती है इसलिए इस एकादशी को रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत का नाम आंवला एकादशी इसीलिए है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु () के साथ ही आंवले के पेड़ की भी पूजा करने का विधान है. इस बार आमलकी एकादशी 25 मार्च गुरुवार को है. एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आमलकी एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता (Goddess Lakshmi) की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से व्यक्ति के सारे संकट दूर हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस एकादशी पर आंवले के पेड़ (Amla Tree) की पूजा करने के पीछे मान्यता यह है कि भगवान विष्णु को आंवले का पेड़ बेहद प्रिय है. सृष्टि की रचना करते समय भगवान विष्णु ने आंवले के पेड़ को आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया था. इसलिए ऐसा माना जाता है कि आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ ही अन्य देवी देवताओं का भी वास है. आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है.More Related News