AK-47 से चली थीं 500 राउंड गोलियां, छलनी हो गया था कृष्णानंद राय का शरीर, मुख्तार पर लगे थे आरोप
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बाहुबली मुख्तार अंसारी और उनके भाई सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के केस में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. दोनों पर बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड और व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा का अपहरण कांड समेत कई मामलों को लेकर गैंगस्टर केस लगाया गया था.
यूपी में अब एक और माफिया डॉन के खिलाफ न्यायालय का चाबुक चल गया. गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर केस में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुना दी है. उसके खिलाफ 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं उनके भाई सांसद अफजाल अंसारी को भी कोर्ट ने दोषी मानते हुए चार साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसी के साथ ही अब यह तय हो गया है कि अफजाल की सांसदी भी छिन जाएगी.
दोनों के खिलाफ गैंगस्टर के ये मामले करंडा थाना और मोहम्दाबाद थानों से बनाए गए आपराधिक मुकदमों से बनाए गए गैंगचार्ट पर आधारित हैं. इन मामलों में बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड और व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा का अपहरण कांड भी है. बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या ने यूपी ही नहीं पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. जानते हैं उस दिन क्या हुआ था.
आज से 18 साल पहले 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय अपना काफिला लेकर भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने गए थे. गांव ज्यादा दूर नहीं था तो उस दिन वह अपनी गुलेट प्रूफ गाड़ी नहीं ले गए थे. जब वह कार्यक्रम से लौट रहे थे तो बसनिया चट्टी के पास घात लगाए हमलावरों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया था. हमलावर ने एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. कई मिनट तक पूरा इलाका गोलियों की आवाज से गूंजता रहा था. कहते हैं कि उन्होंने करीब 500 राउंड फायरिंग की थी. हमलावरों ने कृष्णानंद राय के शरीर को गोलियों से भून दिया था. बताया जाता है कि उनके शरीर से 60 से भी ज्यादा गोलियां मिली थीं. इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी नेता की शिखा भी काट दी थी. इस हमले में उनके काफिले में शामिल 7 लोगों को नृशंस हत्या कर दी थी. इस हमले में मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी को आरोपी बनाया गया था. बताया गया कि इस हत्याकांड के पीछे चुनावी रंजिश वजह थी. दरअसल मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र मुख्तार और अफजाल अंसारी के प्रभाव वाली सीट थी लेकिन 2002 जब चुनाव हुआ तो कृष्णानंद राय ने अफजाल अंसारी को हराकर उस सीट पर कब्जा कर लिया था. ऐसा कहा जाता है कि इसी के बाद दोनों भाइयों ने कृष्णानंद राय को जान से मारने का मन बना लिया था. हालांकि जब यह हत्याकांड हुआ उस समय मुख्तार अंसारी जेल में था.
कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में सीबीआई कोर्ट ने मुख्तार अंसारी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है, जिसमें अफजाल अंसारी, संजीव माहेश्वरी, एजाजुल हक, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी, राकेश पांडे और मुन्ना बजरंगी शामिल थे. हालांकि मुन्ना बजरंगी की कुछ समय पहले जेल में ही हत्या कर दी गई थी.
8 राज्यों में फैला है अंसारी का गैंग
मुख्तार अंसारी भी एक बहुत बड़ा अपराधी है. उसका यूपी के अलावा मुंबई, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, दिल्ली और एमपी में भी नेटवर्क फैला हुआ है. उनके खिलाफ देशभर में 61 मामले दर्ज हैं, जिनमें 24 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं. शायद यही वजह है कि एक केस की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि मुख्तार का गैंग देश का सबसे खूंखार आपराधिक गिरोह है. उसने गैंगस्टर जसविंदर सिंह रॉकी की मदद से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में अपनी पकड़ मजबूत की.
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