Agenda Aaj Tak 2023: जितेंद्र सिंह बोले- पहले हम NASA को फॉलो करते थे, अब नासा और पूरी दुनिया हमें फॉलो करती है
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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि तुलना नासा से करते थे, लेकिन आज नासा वाले हमें फॉलो कर रहे हैं. हम साइंस के मामले में फ्रंटलाइन नेशन बनकर बैठे हैं. पिछले दस सालों में 400 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए हैं. हमारे पास ओशन रिसोर्स है. हिमालयन रिसोर्स है. स्पेस रिसोर्स है. भारत इनके दम पर शिखर तक जाएगा.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मामलों के केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से पूछा गया कि अंतरिक्ष में तिरंगा कैसे फहरेगा? इस पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि बहुत बड़ा बदलाव 4-5 वर्षों में आया है. हमारे वैज्ञानिकों में टैलेंट भी है. क्षमता भी है. जज्बा भी था. अभाव था अनुकूलता का. अभाव था राजनैतिक ढृढ़ता का. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने का बाद ये सब हो पाया है.
पहले इसरो कोई जाता नहीं था. अब चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग हो या आदित्य-एल1 की, वहां 1000 मीडियाकर्मी मौजूद रहते हैं. पहले अखबारों में किसी कोने में खबर लगती थी. अब वहां पर स्कूलों के बच्चे जा रहे हैं. कॉलेजों के बच्चे जा रहे हैं. कोई ऐसा भारतवासी नहीं है, जो उस समय नहीं जुड़ा था टीवी से. 2019 में स्पेस स्टार्टअप एक था. इस समय यह बढ़कर 190 तक पहुंच गई हैं. स्पेस इंडस्ट्री में 1000 करोड़ से ज्यादा निजी निवेश हो चुका है.
हम खुद को सेल्फ इंपोज्ड रेस्ट्रिक्शन में बांधकर बैठे थे. हम तुलना करते थे नासा से. लेकिन ये भूल जाते थे नासा का आधा रिसोर्स निजी कंपनियों से आता है. हमारी प्राइवेट लॉन्चिंग कई गुना बढ़ गई है. आज अमेरिका और रूस के सैटेलाइट हमारे पास से लॉन्च हो रहे हैं.
दस साल में 400 विदेश सैटेलाइट इसरो ने छोड़े
जितने विदेशी सैटेलाइट लॉन्च हुए हैं, उनमें से 400 सैटेलाइट इसी दस साल में लॉन्च हुए हैं. स्पेस इंडस्ट्री से भारत को पैसे मिल रहे हैं. स्पेस टेक्नोलॉजी हर घर में पहुंच गया है. डिजिटल हेल्थ है, स्वामित्व कार्यक्रम, रॉकेट लॉन्चिंग, ढांचागत विकास में इसरो है. स्पेस टेक्नोलॉजी हर जगह मौजूद है. आज दूसरे देश भारत के अगुवाई में आगे बढ़ना चाहता है.
नासा और रूस हमारी क्षमता से चौंक गए हैं
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