AAP के 'खामोश' सांसदों से बेहतर होते कुमार विश्वास जैसे पुराने साथी, क्या केजरीवाल को खल रही होगी चूक?
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अरविंद केजरीवाल जेल जाने के बाद अकेले पड़ गये लगते हैं. आम आदमी पार्टी के गिने चुने नेता उनके बचाव में मोर्चे पर खड़े दिखाई पड़ रहे हैं. सबसे ताज्जुब की बात तो 7 सांसदों की चुप्पी है - क्या ऐसे वक्त में अरविंद केजरीवाल को कुमार विश्वास, आशुतोष और योगेंद्र यादव जैसे पुराने साथियों की याद आ रही होगी?
तन्हाई ऐसी बला है, जो अपनों की बहुत याद दिलाती है. क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी ऐसी ही हालत हो रही होगी?
अरविंद केजरीवाल के जेल चले जाने के बाद आम आदमी पार्टी की हालत बहुत खराब हो गई है - और सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि ऐसे नाजुक दौर में बड़े ही कम लोग अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े दिखाई भी दे रहे हैं.
जेल जाने बाद जिस तरह अरविंद केजरीवाल अकेले पड़ गये हैं, वो खुद उनके लिए ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के लिए भी खतरनाक है. आम आदमी पार्टी अभी ऐसी स्थिति में नहीं पहुंच सकी है जो अपने बूते मैदान में टिकी रह सके - आम आदमी पार्टी को कदम कदम पर अरविंद केजरीवाल के नाम की सख्त जरूरत है.
लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ऐसी चीजों के लिए इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
अव्वल तो जीवन में भी सही फैसले लेने जरूरी होते हैं, लेकिन राजनीति में तो जैसे सावधानी हटी और दुर्घटना घटी वाली स्थिति हमेशा ही बनी रहती है. देखा जाये तो अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में बड़ी ही रफ-ड्राइविंग की है - कुछ कुछ वैसी ही जैसी एक्शन फिल्मों में देखने को मिलती है.
फिल्मों में आपने देखा होगा कि कैसे हीरो और विलेन रास्ते की चीजों को रौंदते हुए आगे बढ़ते हैं. निश्चित तौर पर ये दिखाने की कोशिश होती है कि सामानों का ही नुकसान हो, लोगों को नहीं - लेकिन ये तो नहीं मालूम कि अरविंद केजरीवाल किस विलेन का पीछा कर रहे थे, लेकिन ये तो समझ आ ही गया कि रास्ता वो बहुत जल्दी भटक गये.
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