AAP का अकेले हरियाणा चुनाव लड़ना सुनीता केजरीवाल की मेहनत पर पानी फेरने जैसा
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन करिश्माई और पंजाब में भी बेहतरीन रहा है, लेकिन हरियाणा से ही आने वाले अरविंद केजरीवाल के खाते में अब तक कोई भी उल्लेखनीय चुनावी उपलब्धि दर्ज नहीं हो पाई है. फिर भी कांग्रेस के साथ संभावित गठबंधन को दरकिनार कर AAP का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला अजीब लगता है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. और दोनो के बीच आम आदमी पार्टी भी कूद पड़ी है, जिसके लिए सुनीता केजरीवाल जोरदार कैंपेन कर रही हैं. सुनीता केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी हैं.
आम आदमी पार्टी के कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन की जोरदार चर्चा रही, लेकिन आखिरी अपडेट यही है कि दोनों अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसी भी खबर आई थी कि कांग्रेस सिर्फ 5 सीटें आम आदमी पार्टी से शेयर करने को तैयार है - और आम आदमी पार्टी की डिमांड 10 सीटों की है, लेकिन दोनो पक्षों के जिद पर अड़े रहने के कारण चुनावी गठबंधन नहीं हो सका.
आम आदमी पार्टी अब तक उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है, जिसमें करीब एक तिहाई सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है. हरियाणा में चुनाव दर चुनाव फिसड्डी साबित होने के बावजूद आम आदमी पार्टी का अकेले चुनाव मैदान में उतरने का फैसला काफी अजीब लगता है. अजीब इसलिए भी, क्योंकि दिल्ली विधानसभा का चुनाव आप के लिए कहीं ज्यादा जरूरी है. हरियाणा विधानसभा के लिए मतदान 5 अक्टूबर को है, और मतगणना 8 अक्टूबर को होगी, और नतीजे भी उसी दिन आने की अपेक्षा है.
हरियाणा में AAP का प्रदर्शन हाजिरी लगाने जैसा ही रहा है
लोकसभा चुनाव 2024 में हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी ने दिल्ली, गुजरात और चंडीगढ़ की ही तरह गठबंधन किया था. पंजाब में दोनों अलग अलग और एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में थे.
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को सिर्फ कुरुक्षेत्र की सीट दी थी, जहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता उम्मीदवार थे. सुशील गुप्ता का मुकाबला कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गये नवीन जिंदल से था, और हार-जीत का अंतर 30 हजार से थोड़ा कम ही रहा क्योंकि सुशील गुप्ता को भी 5 लाख से ज्यादा वोट मिले थे - सुशील गुप्ता का प्रदर्शन तो ठीक माना जाएगा, लेकिन हरियाणा में आम आदमी पार्टी को महज 3.94 फीसदी ही वोट मिल पाये थे.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में बीजेपी को बड़ी जीत मिलने के संकेत मिल रहे हैं. आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार के आरोपों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. सर्वे के अनुसार बीजेपी को 50 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि आम आदमी पार्टी 20 से कम सीटों पर सिमट सकती है.
दिल्ली दंगों के समय आम आदमी पार्टी की भूमिका पर सवाल उठे हैं. अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने पुलिस स्टेशन का दौरा किया था. भाजपा और कांग्रेस पर आरोप लगे कि वे दंगों के दौरान निष्क्रिय रहे. आम आदमी पार्टी ने अपने कोर वोटर मुस्लिम समुदाय का समर्थन खो दिया है. सर्वे के अनुसार, 83% मुस्लिम वोट आम आदमी पार्टी के पक्ष में थे, जो अब घटकर 20% रह गए हैं.
अरविंद केजरीवाल ने एग्जिट पोल्स पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा, कुछ एजेंसीज दिखा रही हैं कि गाली गलौज पार्टी की 55 से ज्यादा सीट आ रही हैं. पिछले दो घंटे में हमारे 16 उम्मीदवारों के पास फोन आ गए हैं कि 'AAP' छोड़ के उनकी पार्टी में आ जाओ, मंत्री बना देंगे और हर किसी को 15-15 करोड़ रुपये देंगे.
अमेरिका से प्रवासी भारतीयों को वापस भेजे जाने के मुद्दे पर विपक्षी सदन में हंगामा कर रहा है. हंगामे के कारण गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इस बीच संसद परिसर में विपक्षी दलों के सांसदों ने प्रदर्शन किया. वे हाथों में तख्ती लिए नजर आए. इसपर लिखा था- बेड़ियों में हिंदुस्तान, नहीं सहेंगे ये अपमान. सांसद हाथ में हथकड़ी लेकर प्रदर्शन करते दिखे.