AajTak Exclusive: दिल्ली में 'सुप्रीम आदेश' के खिलाफ दौड़ रहे ट्रक, ऐसे फैलाया जा रहा हवा में जहर!
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एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस एन वी रमणा की स्पेशल बेंच ने हर कीमत पर दिल्ली और एनसीआर के इलाके में निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा रखी है. ज़द्दोजहद है कि किसी तरह से हवा की गुणवत्ता को सुधार लिया जाएगा वहीं दूसरी तरफ रात के अंधेरे में देश की राजधानी में खनन का काम जोरों पर है.
काली रात में सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना... चाहे वो दिल्ली की विधानसभा हो या फिर कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट का दफ्तर. रात को दिल्ली की हवा को ज़हरीला बनाया जाता है. ऐसे में आजतक ने दिल्ली की दमघोटू हवा के खलनायकों का पर्दाफाश करने की ठान ली. एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस एन वी रमणा की स्पेशल बेंच ने हर कीमत पर दिल्ली और एनसीआर के इलाके निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा रखी है. ज़द्दोजहद है कि किसी तरह से हवा की गुणवत्ता को सुधार लिया जाएगा वहीं दूसरी तरफ रात के अंधेरे में देश की राजधानी में खनन का काम जोरों पर है. मेट्रो का काम चोरी छिपे हो रहा है. आरोप है कि ट्रांसपोर्ट विभाग, पुलिस पैसा लेकर डीज़ल के ट्रकों की एंट्री दिल्ली में करवा रही है. इस गफलत में कि कोई उन्हें नहीं देख रहा.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.