7th Pay Commission: फिटमेंट फैक्टर से ढाई गुना से ज्यादा बढ़ जाती है सैलरी, जानिए क्या है ये फॉर्मूला
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7th Pay Commission: 7वां वेतन आयोग (7th CPC) लागू होने के बाद, केंद्रीय कर्मचारियों के बीच फिटमेंट फैक्टर की सबसे ज्यादा चर्चा रहती थी. 7वें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर के इतने जरूरी होने की सबसे बड़ी वजह यही थी कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करने में इसका अहम रोल होता था.
नई दिल्ली: 7th Pay Commission: 7वां वेतन आयोग (7th CPC) लागू होने के बाद, केंद्रीय कर्मचारियों के बीच फिटमेंट फैक्टर की सबसे ज्यादा चर्चा रहती थी. 7वें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर के इतने जरूरी होने की सबसे बड़ी वजह यही थी कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करने में इसका अहम रोल होता था. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी भत्तों के अलावा उसकी बेसिक सैलरी और फिटमेंट फैक्टर से ही तय होती है. ये वो फैक्टर है जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी ढाई गुना से ज्यादा बढ़ जाती है. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 2.57 है. केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय, भत्तों के अलावा जैसे महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), हाउस रेंट अलाउंट (HRA) वगैरह., कर्मचारी की बेसिक सैलरी को 7वें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है. उदाहरण के तौर पर- अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी होगी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपये.More Related News