76 वर्षीय पूर्व टीचर ने किया आरजी कर प्रोटेस्ट का समर्थन, अपनी पेंशन से दान किए पैसे
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स्नेहमयी सरकार बीरभूम के तांतीपारा इंडियन टेक्सटाइल गर्ल्स हाई स्कूल में शिक्षिका थीं. वह 2007 में अपनी सेवा से सेवानिवृत्त हो गईं और वर्तमान में अपनी बेटी के साथ शांतिनिकेतन में रहती हैं.
आरजी कर पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. जूनियर डॉक्टरों के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन आज 37वें दिन में प्रवेश कर गया. इस वीभत्स घटना को लेकर पश्चिम बंगाल के अलावा देशभर में विरोध प्रदर्शन और आंदोलन किए जा रहे हैं. इस बीच एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षिका ने अपनी पेंशन से प्रोटेस्ट के लिए डोनेशन दिया है. उनका नाम स्नेहमयी सरकार है. स्नेहमयी बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन में रहती हैं. इस 76 वर्षीय महिला ने आरजी कर अस्पताल में हुई घटना का विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टर्स के प्रोटेस्ट को फंड करने के लिए अपनी पेंशन से 10 हजार रुपये डोनेट किए हैं.
उन्होंने आजतक से बातचीत में कहा, 'किसी आंदोलन को चलाने के लिए बहुत सारे काम होते हैं और इसे जारी रखने के लिए बहुत सारे पैसे की आवश्यकता होती है. वे लड़के और लड़कियां लगातार दिन-रात विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं. अब वे इसे कैसे जारी रखेंगे? यह कैसे होगा? इसलिए मैंने उनके फंड में दान करने का फैसला किया. लेकिन मैं इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहती थी. अब मुझे शर्म आ रही है, पता नहीं यह बात कैसे सार्वजनिक हो गई.'
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स्नेहमयी सरकार बीरभूम के तांतीपारा इंडियन टेक्सटाइल गर्ल्स हाई स्कूल में शिक्षिका थीं. वह 2007 में अपनी सेवा से सेवानिवृत्त हो गईं और वर्तमान में अपनी बेटी के साथ शांतिनिकेतन में रहती हैं. उन्होंने कहा, 'इस मामले का निष्पक्ष ट्रायल होने दीजिए, उसके (पीड़िता) माता-पिता को सभी चीजों से अवगत कराइये. अगर दोषी को उचित सजा मिलेगी तो पीड़िता को कुछ हद तक न्याय मिलेगा.' इस बीच कोलकाता कांड को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार को सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की. यह बैठक रात 9 बजे तक चली.
मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों से अपनी हड़ताल समाप्त करने और जल्द से जल्द काम पर लौटने का आग्रह किया. इससे पहले दो बार मीटिंग तय होने के बावजूद सीएम और डॉक्टरों की मुलाकात नहीं हो सकी थी. सूत्रों के मुताबिक, ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की अधिकतर मांगों को स्वीकार कर लिया है. हड़ताली डॉक्टरों ने शाम करीब 3:53 बजे मुख्य सचिव को मेल के माध्यम से अपनी शर्तों के साथ बैठक में भाग लेने की सहमति जताई थी.
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