7 से 11 साल के बच्चों को आपात स्थित में लगेगी Covovax वैक्सीन, DCGI ने दी मंजूरी
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DCGI ने जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स की m-RNA वैक्सीन को मंजूरी दी है. यह 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को लगाई जा सकेगी. इसके साथ ही सीरम इंस्टीट्यूट की Covovax वैक्सीन भी 7 से 11 साल के बच्चों को आपात स्थिति में लगाई जा सकेगी.
भारतीय औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India) ने जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स की ओर से तैयार की गई कोविड-19 की m-RNA वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है. m-RNA वैक्सीन भारत में ही बनाई गई है. यह वैक्सीन 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को लगाई जा सकेगी. इसके साथ ही 7 से 11 साल के बच्चों के लिए कोवोवैक्स वैक्सीन को भी अनुमति दी है.
एजेंसी के मुताबिक एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि अन्य टीकों को सुरक्षित रखने के लिए काफी कम तापमान में रखने की जरूरत होती है. लिहाजा टैम्प्रेचर को माइनस में मेनटेन करने पर ही कई वैक्सीन सुरक्षित रह पाती हैं, लेकिन जेनोवा की एमआरएनए वैक्सीन को 2-8 डिग्री पर प्रजर्व किया जा सकता है.
दवा नियामक ने कुछ शर्तों के साथ ही 7 से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए आपात स्थिति में सीरम इंस्टीट्यूट की COVID-19 की कोवोवैक्स वैक्सीन को भी मंजूरी दी है.
पिछले सप्ताह CSDCO की COVID-19 को लेकर बनाई गई स्पेशल कमेटी ने 7 से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए Covovax के आपात स्थिति में उपयोग करने और 18 साल व इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए Gennova की m-RNA वैक्सीन की दो डोज देने की सिफारिश की थी. इसके बाद DCGI ने इस पर अपनी मंजूरी दी है.
एजेंसी के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने 16 मार्च को इस संबंध में डीसीजीआई को एक आवेदन दिया था. इसके बाद विशेषज्ञ पैनल ने अप्रैल में हुई मीटिंग में इस आवेदन पर पुणे स्थित फर्म से अधिक डेटा उपलब्ध कराने की बात कही थी. इसके बाद वैक्सीन की सिफारिश की गई.
देश में 16 मार्च को 12-14 आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया गया था, जबकि देशभर में वैक्सीनेशन अभियान पिछले साल 16 जनवरी को शुरू किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण में टीका लगाया गया था, वहीं फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण पिछले साल 2 फरवरी से शुरू हुआ था.
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