7 साल की जेल, 5 लाख तक का जुर्माना... 'अर्बन नक्सल' से निपटने के लिए महाराष्ट्र में नया बिल, जानें- कब तक बनेगा कानून
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'महाराष्ट्र स्पेशल पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट 2024' नाम से पेश किए गया ये बिल अगर कानून बनता है तो इससे शहरी इलाकों में बढ़ते नक्सलवाद और उसके खतरों से निपटा जा सकेगा. इस बिल के कानून बनते ही सरकार के पास किसी भी संदिग्ध संगठन को 'गैरकानूनी' घोषित करने का अधिकार मिल जाएगा.
महाराष्ट्र की शिंदे सरकार अब 'अर्बन नक्सल' से निपटने के लिए एक नया कानून लाने जा रही है. इसे लेकर विधानसभा में बिल पेश किया जा चुका है. नए कानून को लाने का मकसद शहरी इलाकों में बढ़ रही नक्सलवाद की मौजूदगी से निपटना है.
'महाराष्ट्र स्पेशल पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट 2024' नाम से पेश किए गया ये बिल अगर कानून बनता है तो इससे शहरी इलाकों में बढ़ते नक्सलवाद और उसके खतरों से निपटा जा सकेगा.
क्यों लाया गया ये बिल?
इस बिल को पेश करते हुए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया था कि नक्सलवाद अब सिर्फ महाराष्ट्र के दूरदराज इलाकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अलग-अलग संगठनों के जरिए ये शहरों में भी तेजी से बढ़ रहा है.
सरकार का कहना है कि ये संगठन नक्सलियों को हथियार और फंडिंग मुहैया कराने में मदद करते हैं और मौजूदा कानून इससे निपटने में सक्षम नहीं है.
बिल के मुताबिक नक्सल प्रभावित चार राज्यों- छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भी पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट है और यहां 48 नक्सली संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
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