65th BPSC: औरंगाबाद की अदिति ने असफलता को बनाया हथियार, तीसरे प्रयास में बनीं DSP, माता-पिता बने रोल मॉडल
ABP News
65वीं बीपीएससी की संयुक्त परीक्षा में अदिति ने 133वां स्थान प्राप्त किया है. असफलता ने तोड़ दिया लेकिन माता-पिता और सहपाठियों ने हौसला बढ़ाया. इंटरनेट का सही इस्तेमाल भी किया.
औरंगाबादः किसी शायर ने सही कहा है कि "कौन कहता है कि नहीं हो सकता है आसमां में सुराख, एक पत्थर तो तबीयत से उछालकर देखो”. इस कहावत को अपनी लगन, परिश्रम और जुनून से औरंगाबाद की अदिति ने सच कर दिखाया. अदिति ने बिना किसी कोचिंग और बिना किसी सहयोग से घर पर रहकर पढ़ाई की और लगातार दो बार असफल होने के बाद 65वीं बीपीएससी (65th BPSC) की संयुक्त परीक्षा में 133वां स्थान प्राप्त किया है. अदिति की इस उपलब्धि से हर तरफ उसकी तारीफ हो रही है तो लोग बधाई भी दे रहे हैं. अब वह डीएसपी बनकर सेवा देंगी.
अदिति के पिता पंकज सिन्हा औरंगाबाद खाद्य निगम में प्रबंधक के पद पर तो मां सरकारी विद्यालय में शिक्षिका है. अदिति ने बताया कि वर्ष 2008 में डीएवी से सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उसने अभियंत्रण की पढ़ाई पूरी की, लेकिन बिहार में काम करने की इच्छा को वह दबा नहीं सकी. उसने सोचा कि बिहार से बाहर रहकर वह अपने बिहार की और यहां के लोगों की सेवा नहीं कर सकती. ऐसी स्थिति में उसने बीपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. उसके इस पढ़ाई में माता और पिता दोनों रोल मॉडल बने और उनका भरपूर सहयोग मिला.