
6-6 माह से लेकर ढाई-ढाई साल तक... CM पद को शेयर करने के खूब बने फॉर्मूले, लेकिन सब हुए फ्लॉप
AajTak
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सियासी घमासान जारी है. सिद्धारमैया ने पावर शेयरिंग का एक फॉर्मूला सुझाया है, जिसे शिवकुमार ने अस्वीकार कर दिया है. इसकी वजह यह मानी जा रही है कि सीएम पद के पावर शेयरिंग के लिए जो भी फॉर्मूला बने, वो सफल नहीं रहे.
कर्नाटक की सत्ता में कांग्रेस ने भले ही वापसी कर ली है, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर अभी तक नहीं लगी. सीएम पद को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच शह-मात का खेल जारी है. सिद्धारमैया ने डीके शिवकुमार के साथ मुख्यमंत्री पद के पावर शेयरिंग का एक फॉर्मूला भी रखा, जिसे पर भी सहमति नहीं बन सकी.
सिद्धारमैया ने सीएम पद से शेयर करने का जो फॉर्मूला रखा, उसमें पहले के दो साल वो सत्ता की कमान खुद संभालना चाहते है और उसके बाद के तीन साल डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने का सुझाव दिया. सिद्धारमैया ने अपने उम्रदराज होने का हवाला दिया और 2024 लोकसभा चुनाव तक पहले चरण में सरकार चलाना चाहते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पावर शेयरिंग के फॉर्मूले को शिवकुमार राजस्थान और छत्तीसगढ़ वाले ढाई-ढाई साले फॉर्मूले का उदाहारण देकर रिजेक्ट कर दिया है. शिवकुमार ने सिद्धारमैया के सुझाव को यूं ही अस्वीकर नहीं किया बल्कि अतीत में हुए समझौते का सियासी हश्र को देखते हुए खारिज किया है.
डीके शिवकुमार ने रिजेक्ट किया फॉर्मूला
दरअसल,सीएम पद को शेयर करने के फॉर्मूले अलग-अलग राज्यों में बहुत बने, लेकिन सफल कोई नहीं हुआ. छह-छह महीने के मुख्यमंत्री से लेकर ढाई-ढाई साल तक सीएम रहने के फॉर्मूले पर राज्यों में सरकारें बनी, लेकिन जब बात पावर शेयर करने की आई तो बात बिगड़ गई. यूपी में चाहे बसपा-बीजेपी के बीच का समझौता हो या फिर कर्नाटक में जेडीएस-बीजेपी के बीच सीएम पद का रहा हो. एक भी फॉर्मूला नहीं चल सका.
राजस्थान-छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला साल 2018 में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी को मात देकर सत्ता में वापसी की थी. तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस नेताओं के बीच रस्साकसी तेज हो गई थी, जिसके चलते ढाई-ढाई साल पावर शेयरिंग का फॉर्मूले के जरिए रास्ता निकाला गया था.

यूपी के बरसाना और नंदगांव में होली का त्योहार अद्भुत तरीके से मनाया जाता है. लड्डू मार होली और लट्ठमार होली यहां के प्रमुख आकर्षण हैं. राधा जी के मंदिर लाडली जी मंदिर में लड्डू मार होली होती है. इसके अलावा लट्ठमार होली में महिलाएं लाठियों से पुरुषों को मारती हुई दिखती हैं. इस वीडियो में देखिए बरसाना-नंदगांव की होली.

झारखंड के पलामू में हुए एनकाउंटर में कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू की मौत के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट किया है. अनमोल ने अमन को अपना भाई बताते हुए लिखा कि जल्द ही सबका हिसाब होगा. अनमोल बिश्नोई पहले से ही मुंबई के बाबा सिद्दीकी हत्याकांड और सलमान खान के घर फायरिंग मामले में वांटेड है.

यूपी के बरसाना और नंदगांव में होली का त्योहार अद्भुत तरीके से मनाया जाता है. लड्डू मार होली और लट्ठमार होली यहां के प्रमुख आकर्षण हैं. राधा जी के मंदिर लाडली जी मंदिर में लड्डू मार होली होती है. इसके अलावा लट्ठमार होली में महिलाएं लाठियों से पुरुषों को मारती हुई दिखती हैं. इस वीडियो में देखिए बरसाना-नंदगांव की होली.

महाराष्ट्र के पालघर में एक सूटकेस से महिला का कटा हुआ सिर मिलने से सनसनी फैल गई. यह घटना पिरकुंडा दरगाह के पास हुई, जहां कुछ स्थानीय बच्चों ने लावारिस सूटकेस को देखा था. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी. फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है, जो सबूत इकट्ठा करने में जुटी हुई है.

लद्दाख के कारगिल में शुक्रवार तड़के 5.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके जम्मू-कश्मीर तक महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, यह भूकंप सुबह 2:50 बजे आया और इसकी गहराई 15 किलोमीटर थी. झटके इतने तेज थे कि लोगों की नींद खुल गई और कई लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए. हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है.

बॉलीवुड के 'परफेक्शनिस्ट' आमिर खान अपना 60वां जन्मदिन (14 मार्च ) मना रहे हैं, लेकिन क्या आपको उनके 90s के कुछ अनदेखे किरदार याद हैं? कभी गैंगस्टर, कभी क्रिकेटर तो कभी संपेरा.. आमिर ने अपने शुरुआती दौर में ऐसे किरदार निभाए जिन्हें देखकर पहचानना मुश्किल होगा! तो चलिए एक नजर डालते हैं 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' के अनदेखे किरदारों पर!