58 की उम्र में विधायक ने दी 10वीं की परीक्षा, कहा- पता नहीं पास हो पाऊंगा या नहीं
AajTak
फूलबनी से बीजद विधायक अंगदा कन्हार 58 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा दे रहे हैं. विधायक ने बताया कि पारिवारिक कारणों के चलते साल 1978 में उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी. 2019 में विधानसभा सदस्य बनने के बाद 8वीं कक्षा की परीक्षा दी.
वो कहते हैं ना कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती. इस कहावत को सच कर दिखाया है ओडिशा के फूलबनी से बीजू जनता दल के विधायक अंगदा कन्हार ने. दरअसल, विधायक 40 साल बाद 10वीं की परीक्षा दे रहे हैं. वह कंधमाल जिले में पीताबारी गांव के रुजंगी हाईस्कूल में अपनी परीक्षा दे रहे हैं.
58 वर्षीय विधायक, अंगदा कन्हार ने बताया, ''पंचायत के कुछ सदस्यों और मेरे ड्राइवर ने मुझे परीक्षा में बैठने के लिए प्रोत्साहित किया. मुझे नहीं पता कि मैं परीक्षा पास कर पाऊंगा या नहीं. लेकिन मैंने अपनी परीक्षा दसवीं कक्षा का प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए दी है.'' विधायक ने बताया, ''मैंने पारिवारिक कारणों के चलते साल 1978 में पढ़ाई छोड़ दी थी. 2019 में विधानसभा सदस्य बनने के बाद मैंने 8वीं कक्षा की परीक्षा दी.''
कन्हार के परीक्षा केंद्र की अधीक्षक अर्चना बसा ने बताया कि विधायक के साथ कोई विशेष व्यवहार नहीं किया गया. बासा ने कहा, ''उन्होंने (विधायक) अन्य छात्रों के साथ ही परीक्षा दी. परीक्षा में बैठने की अनुमति देने से पहले दूसरे छात्रों की तरह ही उनकी भी अच्छी तरह से जांच की गई.''
राज्य में 5.8 लाख विद्यार्थी दे रहे 10वीं की परीक्षा बता दें, ओडिशा में 3,540 केंद्रों पर इस साल दसवीं कक्षा की राज्य बोर्ड परीक्षा में कुल 5.8 लाख विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं. 10 मई तक ये परीक्षाएं खत्म हो जाएंगी. परीक्षा के दौरान निगरानी के लिए 35,000 से अधिक शिक्षकों को लगाया गया है. साथ ही कदाचार को रोकने के लिए बोर्ड की ओर से विशेष दस्ते तैनात किए गए हैं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.