55 दिन में PM चुनी गई थीं लिज ट्रस, सिर्फ 44 दिन में दिया इस्तीफा, बनाया ये अनचाहा रिकॉर्ड
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लिज ट्रस के नाम सबसे कम दिन ब्रिटेन की पीएम रहने का रिकॉर्ड बन गया. इससे पहले ब्रिटेन के पूर्व पीएम जॉर्ज कैनिंग 1827 में 119 दिनों तक सत्ता में रहे थे. उनका निधन हो गया था. ब्रिटेन में सबसे अधिक समय तक पीएम रहने वाले नेता सर रॉबर्ट वालपोल हैं. वे 20 वर्ष 314 दिन तक ब्रिटेन के पीएम रहे.
ब्रिटेन में आर्थिक संकट और सियासी उथल पुथल के बीच लिज ट्रस ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. वे सिर्फ 44 दिन तक ब्रिटेन की पीएम रहीं. खास बात ये है कि पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के लिए 55 दिन तक रेस चली थी, इसके बाद लिज ट्रस पीएम बनी थीं. उन्होंने भारतीय मूल के ऋषि सुनक को मात दी थी.
इसी के साथ लिज ट्रस के नाम सबसे कम दिन ब्रिटेन की पीएम रहने का रिकॉर्ड बन गया. इससे पहले ब्रिटेन के पूर्व पीएम जॉर्ज कैनिंग 1827 में 119 दिनों तक सत्ता में रहे थे. उनका निधन हो गया था. ब्रिटेन में सबसे अधिक समय तक पीएम रहने वाले नेता सर रॉबर्ट वालपोल हैं. वे 20 वर्ष 314 दिन तक ब्रिटेन के पीएम रहे.
लिज ट्रस के पीएम बनने के बाद ही महारानी का हुआ निधन
लिज ट्रस 5 सितंबर को ऋषि सुनक को हराकर कंजर्वेटिव पार्टी की नेता चुनी गई थीं. उन्हें 6 सितंबर को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने पीएम पद की शपथ दिलाई थी. लेकिन 8 सितंबर को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन हो गया. इसके बाद ब्रिटेन में 10 दिन का राजकीय शोक का ऐलान कर दिया गया था. इसके चलते लिज ट्रस की सरकार समेत पूरा प्रशासन शाही परिवार की सेवा में जुट गया.
लिज ट्रस ने क्यों दिया इस्तीफा ?
लिज ट्रस ने चुनाव प्रचार के दौरान टैक्स में कटौती समेत कई बड़े बड़े वादे किए थे. मौजूदा समय में ब्रिटेन महंगाई और आर्थिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे में ब्रिटेन की जनता को ट्रस से काफी उम्मीदें भी थीं. उन्होंने पीएम बनने के बाद संसद में मिनी-बजट पेश किया था. इस बजट में उन्होंने टैक्स कटौती समेत कई बड़े कदम उठाए थे. लेकिन इसके बाद ब्रिटेन में मंदी जैसे हालात पैदा होने लगे. ऐसे में जल्द ही इन फैसलों को सरकार ने वापस ले लिया. इसके बाद से वे अपनी पार्टी में ही घिर गई थीं. उन्होंने हाल ही में वित्त मंत्री और अपने पुराने सहयोगी क्वासी क्वार्टेंग को भी बर्खास्त कर दिया था. इतना ही नहीं उनके पार्टी के सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का भी फैसला किया था.
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