5 साल के मासूम बच्चे को आवारा कुत्तों के झुंड ने नोच-नोच के खाया
AajTak
5 वर्ष के मासूम बच्चे को आवारा कुत्तों के झुंड ने नोच के खा लिया. बाद में बच्चे की मौत हो गई.
नागपुर के ग्रामीण इलाके काटोल से एक दर्दनाक ख़बर सामने आई है, यहां एक 5 वर्ष के मासूम बच्चे को आवारा कुत्तों के झुंड ने नोच-नोच के खा लिया और घायल बालक की मौत हो गई. ये घटना आज सुबह की है जब पांच वर्षीय विराज राजू जयवार सुबह छह बजे के दरमियान अपने बडी बहन के साथ घूमने (मॉर्निंग वाक ) के लिए गया था, तभी बच्चे को आवारा कुत्तों के झुंड ने घेर लिया.
जैसे ही उसकी बहन ने ये देखा तभी वो जोर जोर से चिलाने लगी, लेकिन सुबह का वक्त होने की वजह से यहां आवाजाही ना के बराबर थी. जिस वजह से कोई मदद के लिए नही आ पाया.
बच्चा खुद से बचने की कोशिश करता रहा इन कुत्ते के झुंड ने जब मासूम बालक पर हमला किया तब बच्चा खुद को बचाने की कोशिश करता रहा, लेकिन कुत्तों के झुंड से खुद को बच्चा बचा नही पाया. इन कुत्तों ने बालक को खींच के पास में ही बन रहे एक निर्माणाधीन इमारत में ले गए और उसे नोच नोच के खाने लगे, बच्चा इस कद्र घायल हो गया की उसकी कुछ ही देर में मौत हो गई.
आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान यह हादसा नागपुर जिल्हे मे काटोल के पॉश इलाके धंतोली में हुआ. जिसके बाद जनता में काफी रोष भी दिखा. आवारा कुत्तों के आतंक से आस-पास के लोग परेशान हैं. बच्चे के पिता का नाम राजू जयवार है और वह पेशे से किसान है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.