![35 हजार करोड़ के फंड का इस्तेमाल 18 से 44 साल की आबादी को फ्री वैक्सीन देने में क्यों नहीं हो सकता? SC ने केंद्र से पूछा](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202106/vaccination_1-sixteen_nine.jpg)
35 हजार करोड़ के फंड का इस्तेमाल 18 से 44 साल की आबादी को फ्री वैक्सीन देने में क्यों नहीं हो सकता? SC ने केंद्र से पूछा
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कोरोना के संकट के बीच देश में इस वक्त वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी चल रही है, ऐसे में पूरी आबादी को टीका लगने में कितना वक्त लगेगा इसका सवाल हर कोई तलाश रहा है. इस बीच बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की वैक्सीन नीति को लेकर सवाल किए हैं.
केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति पर गंभीर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. कोरोना के संकट के बीच देश में इस वक्त वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी चल रही है, ऐसे में पूरी आबादी को टीका लगने में कितना वक्त लगेगा इसका सवाल हर कोई तलाश रहा है. इस बीच बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की वैक्सीन नीति को लेकर सवाल किए, अदालत ने पूछा कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन के लिए जो बजट बनाया, उसका इस्तेमाल 18 से 44 साल वालों को मुफ्त टीका लगाने में क्यों नहीं हो सकता. ‘केंद्र बताए अबतक कैसे खर्च किया है बजट?’ कोरोना वैक्सीनेशन के मसले पर बुधवार को सर्वोच्च अदालत में जब सुनवाई हुई, तो सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वैक्सीनेशन के लिए बनाए गए 35 हजार करोड़ रुपये के फंड का इस्तेमाल 18 से 44 साल की आबादी को फ्री वैक्सीन देने में में इस्तेमाल क्यों नहीं हो सकता? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मौजूदा वैक्सीनेशन नीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. और साथ ही अब केंद्र से वैक्सीन खरीद पर शुरू से अबतक की सभी डिटेल्स मांगी हैं. सर्वोच्च अदालत ने केंद्र से पूछा है कि वह बताए अबतक 35 हजार करोड़ रुपये के बजट को किस तरह खर्च किया गया है. सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब देश के नागरिक के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है, उस वक्त देश की अदालतें मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकती हैं. सर्वोच्च अदालत ने अब सरकार को दो हफ्ते का वक्त दिया है और वैक्सीन नीति में बदलाव के साथ अपना प्लान बताने को कहा है.![](/newspic/picid-1269750-20250216071535.jpg)
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने कहा कि यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं यह रेलवे का कुप्रबंधन है जिसके कारण इतने लोगों की जान चली गई. रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. कुंभ पर सवाल पूछे जाने पर पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि 'कुंभ का क्या कोई मतलब है, फालतू है कुंभ.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई, जिसमें 9 महिलाएं और कई बच्चे शामिल हैं. स्टेशन पर बिखरे सामान, जूते और कपड़े इस घटना की गवाही दे रहे हैं. भगदड़ के दौरान लोग जान बचाने के लिए सीढ़ियों और एस्केलेटर पर दौड़ पड़े. प्लेटफॉर्म पर सीमित जगह के कारण स्थिति और भी भयावह हो गई. देखें वीडियो.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ पर रेलवे का बयान सामने आया है. नॉर्दर्न रेलवे के CPRO हिमांशु शेखर उपाध्याय के अनुसार, प्लेटफॉर्म 14-15 के बीच फुटओवर ब्रिज की सीढ़ियों पर एक यात्री के फिसलने से भगदड़ मच गई. उन्होंने बताया कि इस समय प्लेटफॉर्म 14 पर मगध एक्सप्रेस और प्लेटफॉर्म 15 पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस खड़ी थी. देखें वीडियो.
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प्रयागराज में संगम स्नान के बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (डीडीयू) पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जाने वाली ट्रेनों में जबरदस्त दबाव देखने को मिल रहा है. हालात को संभालने के लिए RPF और GRP की टीम तैनात है, लेकिन यात्रियों की भारी भीड़ के कारण प्लेटफॉर्म पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ के बाद तस्वीरें सामने आई हैं. अपनी जान बचाने के लिए कई लोगों ने फुटओवर ब्रिज से प्लेटफॉर्म शेड पर छलांग लगा दी, जिससे कई यात्री घायल हो गए. भगदड़ के बाद प्लेटफॉर्म पर जूते, बैग, टूटी चप्पलें और यात्रियों का सामान बिखरा पड़ा है, जिसे अब हटाने का काम जारी है.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) पर हुई भगदड़ के भयावह मंजर को याद कर लोगों की रूह कांप रही है. हादसे की गवाह एक महिला ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ प्रयागराज जाने के लिए निकली थीं. महिला ने कहा कि हम आधे घंटे तक दबे रहे, मेरी ननद की मौत हो गई... हम उसे उठाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मुंह से झाग आ रहा था.